1 एकड़ के जमीन से तीन से चार लाख रु एक सब्जी की खेती से कमाना चाहते हैं तो चलिए आपको इस लेख में ऐसे ही दो सब्जियों की खेती की जानकारी देते हैं-
फरवरी में सब्जियों की खेती
फरवरी में सब्जियों की खेती में किसानों को मुनाफा है। जिससे वह लगातार यह देख रहे हैं कि वह कौन सी सब्जी लगाएं कि ज्यादा उत्पादन मिलेगा, मंडी में कौन सी सब्जियों के अधिक कीमत मिलेगी। तो किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है हम लगातार फरवरी में लगाई जाने वाली सब्जियों की खेती की जानकारी लेकर आ रहे हैं। जिसमें आज हम दो सब्जियों की खेती के बारे में जानेंगे और यह सब्जियां इतनी बढ़िया है कि लंबे समय तक इससे कमाई होगी।
5 से 8 महीने तक कमाई कर सकते हैं। एक बार खेत में लगा देंगे तो 1 एकड़ की जमीन से 3 से 4 लाख की कमाई की जा सकती है, तो चलिए आपको दोनों सब्जियों की खेती के बारे में पूरी जानकारी देते हैं, बढ़िया वैरायटी कौन सी रहेगी, खेती कैसे करें।
मिर्च की खेती
मिर्च की खेती में किसानों को मुनाफा है। हरी मिर्च, लाल मिर्च दोनों से किसान अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। मिर्च की डिमांड तो हमेशा ही बनी रहती है। लेकिन आपको बता दे की फरवरी में अगर मिर्च की खेती करते हैं तो शुरू क्या एक महीना भले कीमत कम मिले लेकिन आगे अप्रैल, मई, जून, जुलाई में किसानों को बढ़िया मंडी भाव मिलेगा। ₹40 तक भाव किसानों को मिल जाएगा। तो चलिए बताते हैं कि मिर्ची की बढ़िया वैरायटी कौन से लगा सकते हैं।
मिर्च की वैरायटी
मिर्च की वैरायटी की बात कर तो क्लॉज की 158, नोमेंस की ओजस, नोमेंस की क्रांति और सीड पर्व की लासा भी लगा सकते हैं। इसके आलावा मिर्च की मेघना भी बढ़िया किस्म है जिसकी पहली तुड़ाई 60-65 दिनों में हो जाती है। साथ ही अर्का श्वेता की मिर्च लंबी, चिकनी, और हल्के हरे रंग की किस्म है। किसान काशी अर्ली, पूसा ख्याति, और हरिता, किस्म की खेती भी कर सकते है।

मिर्ची की खेती कैसे करें
मिर्च की खेती किसान दो तरीके से कर सकते हैं। अगर ज्यादा खर्चा नहीं करना चाहते तो सामान्य विधि से कर सकते हैं। अगर खर्चा करना चाहते हैं तो ड्रिप इरीगेशन, प्लास्टिक मल्च का इस्तेमाल करें। इससे रोग बीमारी कम आती है। उत्पादन अधिक मिलता है। जिससे अधिक कमाई होती है। लेकिन इन सब का खर्चा भी आता है।
तो सबसे पहले तो अगर आप किसी भी विधि से कर रहे हैं तो बढ़िया से खेत की जुताई करें, 5 ट्रॉली गोबर की खाद, 50-60 किलो डीएपी और 35 किलो एमओपी, 15 किलो यूरिया जरूर डालें। यह बेसल डोज सभी किसानों को देना चाहिए। लंबी अवधि की फसल है। उत्पादन अधिक लेना है तब।
इसके अलावा स्प्रे का भी ध्यान रखना है, रोग बीमारी ताकि ना लगे। ड्रिप और प्लास्टिक का इस्तेमाल कर रहे हैं तो 4 फीट की दूरी में बेड बनाना है। 25 से 30 माइक्रोन का प्लास्टिक मल्च लगाएं और एक डेढ़ फीट बेड की ऊंचाई रखें और बेड की चौड़ाई 3 फिट रखें। अगर सामान्य विधि से कर रहे हैं तो 2 फीट की दूरी में बुवाई कर सकते हैं।

बैगन की खेती
बैगन की खेती में भी किसानों को मुनाफा है। जिसमें देसी वैरायटी का बैगन किसान लगा सकते हैं जो कांटे वाला होता है। उसकी अच्छी कीमत मिलेगी। मंडी में अच्छा भाव मिलेगा। बैगन की खेती पूरे फरवरी माह में किसान कर सकते हैं। बैगन भी लंबी अवधि की फसल है। जिसके लिए बेसल डोज बढ़िया से दें, खाद उर्वरक का पूरा ध्यान किसानों को रखना है।
रोग बीमारी भी देखना है कि जल्द ना लगे। नहीं तो उत्पादन कम हो सकता है। जिसके लिए समय-समय पर खेत का निरीक्षण किसानों को करते रहना चाहिए।
बेसल डोस की बात करें तो 3 से 4 ट्रॉली गोबर की खाद, 50 किलो डीएपी और फंगीसाइड जरुर डालना है। क्योंकि बैगन की खेती में फंगीसाइड का बहुत ज्यादा महत्व होता है। 25 से 30 किलो एमओपी दें, यूरिया 15 किलो पर्याप्त रहेगा।
बैगन की भी खेती में किसानों को पहले माह में भले कीमत कम मिले। लेकिन दूसरे ही महीने से 25 से 30 रुपए किलो मंडी भाव किसानों को मिल जाएगा। बैगन के बीज सस्ते में मिल जाते हैं। 200 रुपए बैगन का बीज मिल जाएगा। नर्सरी भी किसान तैयार कर सकते हैं या अन्य किसानों से नर्सरी लेकर खेती कर सकते हैं। नर्सरी भी ले रहे हैं तो किसानों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बढ़िया वैरायटी हो फिर चाहे मिर्च की खेती हो या बैगन की।