हल्दी की खेती करना चाहते हैं तो सरकार आर्थिक मदद दे रही है जिससे कम खर्चे में खेती कर सकते हैं, चलिए बताते हैं इसकी खेती में फायदे क्या है. और अनुदान कैसे मिलेगा-
हल्दी की खेती में फायदा
हल्दी की खेती में किसानों को फायदा है। इसकी डिमांड हर दिन बनी ही रहती है। हल्दी का इस्तेमाल मसाले के तौर पर मुख्य रूप से किया जाता है। लेकिन औषधि रूप से भी हल्दी डिमांड में रहती है। कई तरह के सौंदर्य उत्पाद बनते समय हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए हल्दी की अच्छी कीमत किसानों को मिलेगी। कम खर्चे में ज्यादा कमाई कर सकते हैं।
अगर हल्दी की खेती के लिए किसान इच्छुक है तो राज्य सरकार की तरफ से 12 जिलों के किसानों को ₹20000 अनुदान मिल रहा है. तो चलिए आपको बताते हैं योजना क्या है. लाभ कैसे मिलेगा।
हल्दी की खेती के लिए सब्सिडी
हल्दी की खेती किसान भाई जुलाई में भी कर सकते हैं। अप्रैल से जुलाई के बीच हल्दी की खेती की जाती है। हल्दी की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी बढ़िया मानी जाती है। किसान एक एकड़ में हल्दी की खेती करते हैं तो ₹40000 तक लागत बैठती है तो उसमें ₹20000 किसानों को अनुदान दिया जा रहा है।
यह योजना बिहार राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही है। जिसमें भोजपुर उद्यान विभाग के अनुसार बताया जा रहा है कि 40 एकड़ में हल्दी की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें 12 जिलों की बात करें तो, जिन्हें योजना के तहत अनुदान मिलेगा उसमें भोजपुर के साथ-साथ बक्सर, मधेपुरा, पूर्णिया, सुपौल, सारण, अररिया, गोपालगंज, मधुबनी, कटिहार, मुंगेर, सिवान आदि जिले आते हैं।
योजना का लाभ किसानों को एकीकृत उद्यान विकास योजना के तहत दिया जाएगा। जिसमें हल्दी की खेती के लिए 40% सब्सिडी जा रही है। जिससे भारी आर्थिक मदद किसानों की होगी।
योजना का लाभ कैसे मिलेगा
हल्दी की खेती अगर किसानों को मुनाफे वाली लग रही है तो योजना का लाभ लेकर खर्चा आधा कर सकते हैं। जिसके लिए वह इस आधिकारिक वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in/ पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। यहां पर आपको होम पेज में अंतर अंतर्वर्ती फसल कार्यक्रम दिखाई देगा जिस पर क्लिक करके आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन फार्म में मांगी गई जानकारी को सही-सही करें और सबमिट बटन पर क्लिक कर दें। जिससे आवेदन पूरा हो जाता है। यह योजना बिहार के किसानों के लिए है। जिसमें 12 जिलों के किसान आवेदन कर सकते हैं।