इस सब्जी की खेती किसानों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होती है क्योकि इसकी डिमांड बाजार में बहुत देखने को मिलती है तो चलिए विस्तार से जानते है कौन सी सब्जी की खेती है।
फायदे का सौदा है ये सब्जी की खेती
कुंदरू की खेती बहुत मुनाफे वाली होती है आज हम आपको कुंदरू की एक अधिक उपज देने वाली किस्म के बारे में बता रहे है ये किस्म चोट के प्रति सहनशीलता के लिए जानी जाती है। इसकी खेती में लागत बहुत कम आती है इस किस्म की विशेषता ये है कि ये अन्य किस्मों की तुलना में अधिक फल देती है। इसकी डिमांड बाजार में बहुत होती है क्योकि लोग इसका सेवन करना बहुत पसंद करते है हम बात कर रहे है कुंदरू की अर्का नीलाचल सबुजा किस्म की खेती की ये कुंदरू की एक उन्नत किस्म है। तो चलिए इसकी खेती के बारे में विस्तार से जानते है।

कैसे करें खेती
अगर आप कुंदरू की अर्का नीलाचल सबुजा किस्म की खेती करना चाहते है तो आपको इसकी खेती के बारे में विस्तार से जानना होगा जिससे आपको खेती करने में कोई परेशानी नहीं होगी। कुंदरू की अर्का नीलाचल सबुजा किस्म की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है इसकी बुवाई से पहले खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए और मिट्टी में वर्मीकम्पोस्ट या गोबर की खाद डालनी चाहिए। फिर खेत में मेड़ बनाकर कुंदरू के पौधों की रोपाई करनी चाहिए पौधों को ऊपर चढ़ने के लिए मचान या सहारे की आवश्यकता होती है। बुवाई के बाद कुंदरू की अर्का नीलाचल सबुजा किस्म की फसल करीब 90-100 दिनों में तैयार हो जाती है।
कितनी होगी पैदावार
अगर आप कुंदरू की अर्का नीलाचल सबुजा किस्म की खेती करते है तो आपको इसकी खेती से बहुत जबरदस्त कमाई और उपज देखने को मिलेगी। एक हेक्टेयर में कुंदरू की अर्का नीलाचल सबुजा किस्म की खेती करने से करीब 300 क्विंटल तक की पैदावार हो सकती है। आप इसकी खेती से लाखों रूपए की कमाई आराम से कर सकते है। ये कुंदरू की एक बंपर उत्पादन देने वाली लोकप्रिय किस्म है।

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