किसान अगर फरवरी में लगाई गई सब्जियों से अप्रैल में अच्छी खासी कमाई करना चाहते हैं तो चलिए इस लेख में आपको बढ़िया चार सब्जियों की खेती के बारे में बताते हैं-
फरवरी में सब्जियों की खेती
फरवरी में कई सब्जियों की खेती की जाती है। जिससे आने वाले समय में किसान आय में वृद्धि कर सकते हैं। जिसमें से आज हम कुछ 4 फसलों की जानकारी लेंगे, उनमें से कोई एक या दो फसल किसान लगा लेते हैं तो उन्हें अच्छा मंडी भाव मिलेगा। फरवरी सब्जियों की खेती के लिए उचित समय भी माना जाता है। मौसम अनुकूल होता है, अंकुरण जल्दी होता है। फसल जल्दी विकसित होती है। पैदावार भी समय पर किसानों को मिल जाती है। लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है जैसे की सही देखभाल, कीट प्रबंधन आदि।
यह 4 फसलें किसानों को देंगी मुनाफा
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार फरवरी में कौन सी चार फसलें किसान लगा सकते हैं इसके बारे में जाने-
- सबसे पहले हम टमाटर की बात कर लेते हैं। टमाटर साल भर डिमांड में रहता है। लेकिन फरवरी में लगाएंगे तो जल्दी विकसित हो जाएगा और अप्रैल में बंपर पैदावार मिलने लगेगी। जिसमें खेत को बढ़िया उपजाऊ बनाये, रोपाई के तीन हफ्ते पहले ही गोबर की खाद डाल देंगे तो बेहतर होगा। अगर किसान के खेत की मिट्टी पहले से उपजाऊ है तो अभी सही समय है रोपाई कर सकते हैं। जिसमें दो कतारों के बीच की दूरी 60 सेंटीमीटर और दो पौधों के बीच की दूरी भी 45 से 60 सेंटीमीटर रखें। समय-समय पर खरपतवार को नियंत्रित करें। टमाटर की फसल को अगर बढ़िया सपोर्ट देंगे तो पैदावार भी अधिक मिलेगी। जायद के सीजन में टमाटर की फसल से अच्छी पैदावार ली जा सकती है।

- इसके बाद दूसरी फसल की बात करें तो भिंडी की खेती फरवरी में कर सकते हैं। जिसमें 15 फरवरी से 15 मार्च तक भिंडी की बुवाई की जा सकती हैं। इसके लिए बलुई दोमट और दोमट मिट्टी बेहतर होती है। जिसका पीएच मान 6 से 6.8 के बीच होता है।
- खीरा की खेती भी किसान फरवरी में कर सकते हैं। अप्रैल में फसल मिलने लगेगी। जिसमें बढ़िया वैरायटी के बीज लगाए जो खाने में स्वादिष्ट हो। स्वर्ण अगेती खीरे की प्रजाति बढ़िया है इससे 40 से 45 दिनों में खीरा तुड़ाई होती है और एक पौधे में करीब चार किलो पैदावार मिलती है। जिससे किसान अच्छी कमाई कर सकते है। लेकिन किसान को अपने मंडी की डिमांड की भी जानकारी रखनी चाहिए।
- बैंगन की खेती साल भर करते हैं। लेकिन फरवरी में करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। यह लंबी अवधि की फसल है। जिसमें किसानों को बढ़िया खेत में बेसल डोज देना चाहिए और दोबारा भी खाद देना चाहिए। खरपतवार निकालते रहना चाहिए। रोग-कीट से फसल का बचाव करना चाहिए। समय पर निरीक्षण करते रहना चाहिए। इसकी खेती के लिए रेतीली दोमट मिट्टी बेहतर होती है।