गुलाबी दिखने वाले इस फल की दुर्लभ और अनूठी किस्म की खेती करके किसान होंगे धन्नासेठ। गुलाबी नारियल नारियल की एक दुर्लभ और अनूठी किस्म है, जो अपने हल्के गुलाबी रंग के पानी और गूदे के कारण विशेष रूप से लोकप्रिय हो रही है। इसकी खेती अन्य नारियल की प्रजातियों के समान होती है, लेकिन इसमें कुछ खास देखभाल की जरूरत होती है। आइए इसकी खेती के बारे में विस्तार से बताते है।
गुलाबी नारियल की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी
गुलाबी नारियल उष्णकटिबंधीय जलवायु में सबसे अच्छा बढ़ता है, जहां तापमान 25-35°C के बीच रहता है। इसके लिए रेतीली दोमट या चिकनी दोमट मिट्टी में इसकी खेती अच्छी होती है। जलनिकासी अच्छी होनी चाहिए।
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गुलाबी नारियल की खेती कैसे करें?
स्वस्थ और अच्छी गुणवत्ता वाले नारियल का चयन करें। इसकी खेती का सही समय जून-जुलाई सबसे अच्छा होता है। पौधों के बीच 6-8 मीटर की दूरी रखें। गर्मी में 4-5 दिन में एक बार और सर्दियों में 10-12 दिन में एक बार पानी दें। इसमें जैविक खाद और NPK खाद का संतुलित उपयोग करें।
खरपतवार नियंत्रण और समय-समय पर कीटनाशक का उपयोग करें। नारियल के पौधों को दीमक और लाल ताड़ कीट से बचाने के लिए जैविक कीटनाशकों का प्रयोग करें। यह नारियल 5-7 साल में फल देना शुरू करता है। पकने के बाद, गुलाबी रंग का पानी और गूदा प्राप्त किया जा सकता है।
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गुलाबी नारियल की खासियत
गुलाबी नारियल का स्वाद मीठा और ताज़गी भरा होता है। गुलाबी नारियल में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर होते हैं। गुलाबी नारियल महंगा बिकता है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा हो सकता है।
गुलाबी नारियल से कमाई
गुलाबी नारियल की खेती में एक एकड़ में करीब 2 लाख रुपये की फसल बेची जा सकती है। अगर इसमें आई लागत को हटाकर आसानी से 1.50 लाख रुपये तक की कमाई आसानी से कर सकते है।
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