किसानों को दिया जाएगा गेहूं का भाव प्रति क्विंटल 4000 रुपए, सरकार की तरफ से किसानों को तोहफा

सरकार आए दिन किसानों के हित में कोई ना कई कार्य करती रहती है। जिससे कि किसानों को हमेशा ही बेहतर लाभ मिल सके और उनकी उन्नति हो सके। फिलहाल गेहूं के दाम में बहुत ज्यादा तेजी देखी जा रही है गेहूं के रेट MSP से भी ऊपर चल रहे हैं। जिसके चलते किसानों में खुशी का माहौल है। जहां एक तरफ केंद्र सरकार गेहूं के भाव को कम करने की पूरी तैयारी में लगी हुई है वही हम बात कर रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश की जहां की सुखविंदर सिंह सुखु द्वारा किसानों को प्राकृतिक गेहूं की खेती करने के लिए प्रति क्विंटल ₹4000 का भाव देने को लेकर घोषणा की गई है। गेहूं की फसल की नई आवक ऐसे में आना शुरू हो चुकी है। जिसको देखते हुए हिमाचल प्रदेश की सरकार की तरफ से यह कदम उठाया गया है।

फसलों का मिल रहा सर्वाधिक भाव

हिमाचल प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहां पर किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए फसलों पर अच्छा खासा भाव दिया जा रहा है। आपको बता दे की मध्य प्रदेश में जहां एक तरफ गेहूं की कीमतें एमएसपी से ऊपर चल रही है। वहीं दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश में किसानों को गेहूं की प्राकृतिक खेती करने पर ₹4000 प्रति क्विटल भाव देने की घोषणा की गई है। सरकार की तरफ से किसानों के हित में यह कदम उठाया गया है। हिमाचल प्रदेश की सरकार की तरफ से यह कदम इसीलिए उठाया गया है ताकि किसान प्राकृतिक खेती की तरफ रुख करें और वह प्राकृतिक खेती को अपना कर आगे बढ़े।

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इस घोषणा का उद्देश्य

हिमाचल प्रदेश की सरकार की तरफ से उठाए गए इस कदम का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसानों को प्राकृतिक खेती की तरफ आकर्षित किया जाए और वह ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक खेती की तरफ अग्रसर हो जिससे कि किसानों को अच्छा फायदा हो और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके साथ ही अच्छा अनाज का उत्पादन भी हो सके। सरकार की तरफ से उठाए गए इस कदम से केवल किसानों का हित होगा बल्कि अन्य लोगों जो कि इन अनाजों का सेवन करते हैं उनको शुद्ध और प्राकृतिक रूप से तैयार की गई फैसले प्राप्त होगी जिससे कि उनकी सेहत को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।

आखिर प्राकृतिक खेती है क्या

प्राकृतिक खेती की अगर हम बात करें तो आपको बता दे की प्राकृतिक खेती वह है जिसमें किसी प्रकार के कीटनाशकों और घातक दवाइयां का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसको जैविक चीजों से इन फसलों को तैयार किया जाता है। जैसे की जैविक खाद गोबर खाद इत्यादि। इसका यह फायदा है कि लोगों को इससे शुद्ध अनाज प्राप्त होता है और इससे किसी प्रकार से सेहत को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है।

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नमस्ते, मैं चंचल सौंधिया। मैं 2 साल से खेती-किसानी के विषय में लिख रही हूं। मैं दुनिया भर की खेती से जुड़ी हर तरह की जानकारी आप तक पहुंचाने का काम करती हूं जिससे आपको कुछ लाभ अर्जित हो सके। खेती किसानी की खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद

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