इस लेख में हम आपको एक ऐसे किसान की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं जो कम जमीन और कम लागत में हर सीजन में अच्छा मुनाफा कमा रहे है-
किसान की सफलता की कहानी
अगर किसान को खेती में अच्छा मुनाफा नहीं मिल रहा है तो उसे बदलाव करने की कोशिश करनी चाहिए, जिसमें आज हम जिस किसान की बात कर रहे हैं वो भी खेती में बदलाव करके पहले से ज्यादा मुनाफा कमा रहे है। दरअसल, पहले वो अपने परिवार के साथ धान गेहूं जैसी पारंपरिक फसलों की खेती करता था, लेकिन उसे इससे कोई मुनाफा नहीं मिल रहा था।
जिसके बाद अब वो सब्जियों की खेती करता है जिसमें उसे हर सीजन में अच्छी कमाई होती है और वो एक एकड़ जमीन से ₹60000 तक कमा लेता है, तो चलिए आपको बताते हैं कि वो क्या करते है, कौन सी सब्जियां लगाते है, कितनी लागत आती है।

वो एक साथ तीन फसलों की खेती करते है
सबसे पहले हम किसान का परिचय जानते हैं, जिसका नाम छोटन महत्तो है और वो बोकारो जिले के निवासी है। किसान तीन सब्जियों की खेती एक साथ करते हैं, जिसमें लौकी, करेला और नेनुआ, के साथ साथ कभी-कभी खीरा भी लगाते है। ये सब्जियां मौसम के हिसाब से उगाई जाती हैं, जिससे अच्छी आमदनी होती है। गर्मी में खीरा की खेती अच्छा मुनाफा देती है, जिसमें खेत की जमीन को अलग-अलग हिस्सों में बांटकर कई तरह की सब्जियां उगाई जाती हैं।
जिसमें किसान का कहना है कि वह 33 डिसमिल जमीन में वे करेला, लौकी और नेनुआ की खेती करते हैं, जिससे 60 क्विंटल तक उत्पादन मिलता है, जिसमें वे मचान विधि से खेती करते हैं। मचान विधि से खेती करने का फायदा यह है कि फसल की गुणवत्ता अच्छी होती है, यानी उसमें दाग नहीं लगता, जिससे उपज अच्छी होती है और उसे बेचने में दिक्कत नहीं होती।
खेती में लागत
किसान बताते हैं कि मचान विधि से खेती करने पर लागत बढ़ जाती है, क्योंकि बांस, धागा आदि का खर्च होता है, लेकिन बरसात में अच्छी फसल भी मिलती है, जिससे आमदनी होती है। किसान बताते हैं कि अगर एक एकड़ सब्जियों की खेती की जाए तो 15 से 20000 तक का खर्चा आता है। जिसमें नेनुआ, करेला और लौकी का खर्चा बता रहे हैं।
लेकिन मुनाफा 60000 तक पहुंच जाता है। लेकिन यह बाजार पर भी निर्भर करता है कि भाव कितना ऊंचा है, अगर इन किसानों के नजदीक कोई अच्छा बाजार है या नजदीक में कोई शहर है तो कमाई ज्यादा हो सकती है।