पारंपरिक फसल के तुलना में बागवानी से किसान को ज्यादा मुनाफा हो रहा है, चलिए 25 बीघा में 45 लाख सालाना कमाने वाले किसान की सफलता की कहानी बताते हैं।
किसान का परिचय
इस समय पर कई किसान बागवानी करके ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं, जिसमें वह शुरुआत एक या दो फसल से करते हैं और धीरे-धीरे बढ़ते जाते हैं, और आधुनिक तकनीक को भी अपनाते जाते हैं। क्योंकि उन्हें इतना फायदा होता है कि वह खर्चा आसानी से निकाल पाते हैं।
आज बात कर रहे हैं गुजरात के भावनगर जिले के रहने वाले दानू भाई राणा भाई सोलंकी की, जो कि इस समय 25 बीघा में बागवानी करके 45 लाख का मुनाफा कमा रहे हैं। वह पारंपरिक फसलों की भी खेती करते हैं, लेकिन उसमें उतना मुनाफा उन्हें नहीं होता है, जितना इस बागवानी से उन्हें हो रहा है।

इस फसल से की थी शुरुआत
वह बताते हैं कि 10 साल पहले उन्होंने इस मुनाफे वाली खेती की शुरुआत की थी, जिसमें सबसे पहले उन्होंने शतावरी लगाया था, जो कि बहुत ज्यादा डिमांड में है। इसके बाद उन्होंने एक एकड़ की जमीन में ड्रैगन फ्रूट लगा दिया। फिर धीरे-धीरे ड्रैगन फ्रूट की फसल भी बढ़ती गई।
आज उनके पास 12000 ड्रैगन फ्रूट के पौधे हैं। इसके अलावा उन्होंने खजूर के पेड़ भी लगाए लगभग 125 पेड़ खजूर के लगा दिए। फिर खेती से होने वाले मुनाफे को उन्होंने और ज्यादा अपनी खेती में ही इन्वेस्ट किया।
उन्होंने दो पॉलीहाउस और नेट हाउस लगाए, जिससे वह हर मौसम में खेती कर सकते थे और अपनी फसल को तापमान और अन्य चुनौतियों से बचा पाए थे। इस तरह से आज वह 25 बीघा की जमीन में बागवानी करते हैं, जिसमें उन्होंने चंदन, अंजीर, सुपारी, एवोकाडो, मुसम्मी आदि के पेड़ भी लगा रखे हैं, जिससे अलग से आमदनी होती है। उन्होंने बताया कि आज वह 30 बीघा में आधुनिक खेती करते हैं, जिससे ज्यादा मुनाफा होता है।
बागवानी के लिए मिलने वाली सब्सिडी
अगर आप भी बागवानी करना चाहते हैं तो सरकार भी मदद कर रही है, सब्सिडी देती है, जिससे आर्थिक मदद हो सके। बता दें कि एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत बागवानी के लिए सब्सिडी मिलती है, जिसमें विभिन्न प्रकार की फसलें लगाने, पॉलीहाउस की स्थापना करने, पैकेजिंग करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है।
विभिन्न राज्यों में अलग-अलग प्रकार की बागवानी से जुड़ी योजनाएं चल रही हैं, जिसके लिए आप अपने कृषि विभाग में जानकारी ले सकते हैं। केला, पपीता, स्ट्रॉबेरी जैसे कई तरह के फलों की खेती के लिए विभिन्न राज्य सरकारें सब्सिडी देती हैं, जिसमें किसानों को 50% से लेकर 75% तक अनुदान मिलता है।

नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको ‘काम की खबर’ दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद












