इस लेख में हम आपको एक ऐसे किसान के बारे में बताने जा रहे हैं जो दूसरे किसानों से ज्यादा कमाता है, गोबर और फसल से अलग-अलग कमाता है-
किसान की सफलता की कहानी
खेती से आय बढ़ाने के लिए नई तकनीक पर काम करना पड़ता है, खेती के तरीकों में बदलाव करने पड़ते हैं, जिसमें आज हम बात करेंगे राजस्थान के झालावाड़ के रहने वाले किसान राजेंद्र सिंह की, जो खेती और गोबर से अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं। जिसमें फसलें ऐसी उगती हैं कि दूसरे किसानों से ₹10 ज्यादा दाम मिलते हैं और वो गोबर से हर साल चार लाख रुपये कमाते हैं, जबकि वो थोड़ी सी जमीन का ही इस्तेमाल करते हैं, किसान पहले टूरिंग टॉकीज से जुड़ा काम करते थे, लेकिन काम ना चलने की वजह से अब वो खेती की तरफ आ गए हैं, तो चलिए आपको बताते हैं कि वो क्या काम करते हैं।
खेती का तरीका बदलकर किसान हुआ मालामाल
दरअसल, किसान ज्यादातर किसानों की तरह रासायनिक खादों का इस्तेमाल नहीं करते है. वो जैविक खेती करते है जिसमें वो जैविक खादों का इस्तेमाल करते है. किसान के पास कुल 8 बीघा जमीन है जिसमें से वो 6 बीघा में जैविक खेती करते है जबकि बाकी जमीन में वो केंचुआ खाद बनाते है जो कि गाय के गोबर की खाद से बनती है और इस गोबर से वो हर साल अच्छा खासा पैसा कमाते है।

यानी की बची हुई जमीन में वर्मीकम्पोस्ट बनाकर वो हर साल ₹400000 कमा रहे है जिसमें फिलहाल वो 32 बेड से केंचुआ खाद बना रहे है, जबकि शुरुआत 6 बेड से की थी और अब 32 साल हो गए हैं तो चलिए आपको बताते हैं कि वो कौन सी फसल उगाते है।
वो कौन सी फसल उगाते है
वो जैविक खेती करते है जिसमें वो सब्जियां और अनाज उगाते है. अनाज में वे बताते हैं कि वे गेहूं की खेती भी जैविक तरीके से करते हैं और उनका उत्पादन अन्य किसानों से ₹10 महंगा है क्योंकि यह पूरी तरह से जैविक है और जैविक चीजें स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती हैं इसमें रासायनिक खादों का उपयोग नहीं किया जाता है।
जिसमें सालाना लगभग 1000 क्विंटल उत्पादन प्राप्त होता है और इससे अच्छी आय भी हो जाती है। वे गौशाला से गोबर मंगवाते हैं। अगर अन्य किसान भी गाय पालेंगे तो उन्हें गोबर खुद मिल जाएगा और खाद बना पाएंगे। वे जैविक खेती कर पाएंगे खाद का खर्च खत्म हो जाएगा और खाद को बेचकर कमाई भी कर पाएंगे। इसलिए उन्होंने 2021 से जैविक खेती और खाद बनाना शुरू कर दिया है और आज आप देख सकते हैं कि उन्हें कितनी अच्छी सफलता मिली। आज वे अपने काम को बहुत बड़ा बना रहे हैं।