इस लेख में सीतामढ़ी के एक किसान की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं जो तीन फसलों की खेती करके हर साल 4.50 लाख रुपए कमा रहे है-
किसान की सफलता की कहानी
अन्य किसान की सफलता की कहानी जानकर दूसरे किसान भी उससे प्रेरित होते हैं और अपनी आय बढ़ाने की कोशिश करते हैं, लेकिन अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग फसलें लगाई जाती हैं, जिसमें किसानों को मौसम का भी साथ मिलता है, तभी अच्छा उत्पादन प्राप्त होता है, तो आपको बता दें कि सीतामढ़ी के रहने वाले किसान शंकर सिंह 10 कट्ठा जमीन में खेती करके हर साल 4.5 लाख रुपए कमा रहे हैं, जिसमें वो तीन फसलें लगाते हैं जो कि सब्जी की फसल है, तो आइए आपको इसके बारे में जानकारी देते हैं।
इन 3 फसलों की खेती से मिलता है मुनाफा
किसान भाई कोई अनोखी फसलें नहीं बल्कि सामान्य फसलें लगाते हैं, जिनकी सब्जियां हमेशा बाजार में मांग में रहती है तो आपको बता दें कि वह कद्दू, फूलगोभी और टमाटर की सब्जी उगाते हैं। उनका कहना है कि यह अच्छी कीमत पर बिकती है लेकिन वह समय का ध्यान रखते हैं। इस समय उनके खेत में कद्दू लगा हुआ है। सितंबर-अक्टूबर तक यह तैयार हो जाता है और अच्छा उत्पादन देने लगता है। अन्य मौसम में टमाटर और फूलगोभी की खेती की जाती है, जो कम जमीन और कम लागत में अधिक मुनाफा देती है।

उनकी जमीन अच्छी है, बारिश में पानी बिल्कुल नहीं रुकता, जिससे कद्दू की फसल अच्छी तरह तैयार होती है। अगर आप भी कद्दू की खेती करना चाहते हैं तो आइए आपको बताते हैं कि बारिश के मौसम में इसकी खेती कैसे करें।
बारिश के मौसम में इस फसल की खेती कैसे करें
बारिश के मौसम में कद्दू की खेती करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको जल निकासी का ध्यान रखना होगा। खेत में पानी जमा नहीं होना चाहिए। खेत को अच्छे से तैयार करने के लिए दो से तीन बार जुताई करें। खेत को अच्छे से साफ करें और हाथ से बीज बोएं। कद्दू की फसल से अच्छा उत्पादन पाने के लिए खेत तैयार करते समय उसमें सड़ी हुई गोबर की खाद डालें, जिसमें संतुलित मात्रा में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम हो।
अगर आप झाड़ीदार बेल वाले कद्दू लगा रहे हैं तो उन्हें 3 फीट दूरी में पौधे लगाए लता वाले हैं तो 5 फीट की दूरी में पौधे लगाए जिससे उनको फैलने की जगह मिले। दो कतारों के बीच की दूरी 2 से 2.5 फिट रखें इस समय जून से जुलाई के बीच वर्षा कालीन कद्दू की फसल लगाई जाती है। जिसमें पानी के कारण खरपतवार बहुत उगती है तो वह निकालते रहे।