रबी के सीजन में गेहूं की खेती खास तौर पर की जाती है। अधिकतर क्षेत्र में गेहूं की खेती बहुत बड़े पैमाने पर की जाती है। अब ऐसे में किसान भाइयों को सिंचाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। गेहूं की खेती में पानी की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। सिंचाई करते समय आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना होता है। ऐसा इसीलिए ताकि फसल उत्पादन ज्यादा से ज्यादा हो साथ में मुनाफा भी तगड़ा मिल सके। आइए जानते हैं आपको किन-किन बातों पर खास ध्यान देना होता है।
मिट्टी के हिसाब से करें सिंचाई
किसानों को इस बात पर खास ध्यान देना होता है कि अगर बलुई में दोमट मिट्टी है तब इसमें लगभग 6 सिंचाई की जरूरत पड़ती है। वहीं अगर काली मिट्टी है तो इसमें आपको लगभग 3 से 4 सिंचाई की जरूरत पड़ती है। ऐसा इसीलिए क्योंकि काली मिट्टी में जल संरक्षण करने की क्षमता पाई जाती है। इसी वजह से कहा जाता है की मिट्टी के हिसाब से गेहूं की सिंचाई करनी चाहिए। ऐसा करने पर उत्पादन अच्छा मिलता है साथ ही मुनाफा भी अच्छा मिलता है।
पहली सिंचाई में इस बात का रखें ध्यान
गेहूं की सिंचाई करते समय आपको इस बात का ध्यान रखना है कि पहले से 6 सिंचाई 20, 40, 60, 80, 100 और 120 दिन पर कर सकते हैं। अगर आप इस बात को ध्यान रखते हैं तो आपको उत्पादन अच्छा लेने में कोई मुश्किल नहीं जाएगी। इससे उत्पादन में बढ़ोतरी ही होगी। गेहूं की फसल में 20 से 25 दिन के बीच में सिंचाई करना बहुत जरूरी होता है क्योंकि यह गेहूं के टिलरिंग का स्टेज माना जाता है। इसी दौरान गेहूं की फसल में 7 से 8 गेहूं बनने की प्रक्रिया चल रही होती है। आपको इस समय पहली सिंचाई करते वक्त यूरिया का भी भुरकाव करना बहुत ज्यादा जरूरी होता है।
सिंचाई का सही समय
गेहूं की फसल में आपको सिंचाई टिलरिंग स्टेज और दूध भराव के समय करना बहुत जरूरी होता है। ऐसा इसीलिए क्योंकि इसी दौरान गेहूं का उत्पादन बढ़ाने का समय होता है। अगर इस समय पर गेहूं की सिंचाई नहीं की जाती है तो उत्पादन में कमी नजर आती है। अगर किसानों को गेहूं की अच्छी पैदावार चाहिए तो उनको इन बातों का खास ध्यान रखना होगा। गेहूं की फसल में पैदावार तभी अच्छी मिल पाएगी जब उसकी सही समय पर सिंचाई की जाएगी।