गेहूं की कटाई के समय किसान भाई अपनाएं यह नियम, ऐसा ना करने पर प्रशासन करेगा कड़ी कारवाही

गेहूं की कटाई के समय किसान भाई अपनाएं यह नियम, ऐसा ना करने पर प्रशासन करेगा कड़ी कारवाही। गेहूं की कटाई के बाद में कई प्रकार की समस्याए देखने को मिलती है जिसको लेकर इस बार किसानों के लिए जिला प्रशासन द्वारा कड़ा रुख अपनाने का फैसला किया गया है। प्रशासन के इस जारी किए गए नए आदेश के चलते बिना स्ट्रॉ रीपर मशीन के कटाई करवाने वाले सभी किसानों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।

इतना ही नहीं इसके अलावा, इन सभी किसानों को किसी भी प्रकार की सरकारी योजना का लाभ नहीं दिया जायेगा। ऐसे में प्रशासन का कहना है की अगर पराली जलाई गई तब ऐसे में किसानों की इस गलती को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे, ऐसा क्योंकि इसके कारण पर्यावरण और मिट्टी की उर्वरता शक्ति पर बहुत बुरा प्रभाव देखने को मिलता है।

पराली जलाने के कई नुकसान

किसानो को इस बारे में बता दे की यह स्ट्रॉ रीपर एक ऐसी मशीन है, जोकि गेहूं की कटाई के समय गेहूं की फसल के डंठलो को बहुत ही छोटे टुकड़ों में बदल देती है और इसको पशुचारे के रूप में इस्तेमाल करने लायक बना देती है। जिससे किसानों को भूसा भी प्राप्त हो जाता है और पराली को जलाना नहीं पड़ता है।

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कृषि विभाग ने हार्वेस्टर संचालकों को भी इस बात का निर्देश दे दिया है कि वह स्ट्रॉ रीपर के बिना गेहूं की कटाई बिल्कुल ना करें। आपको बता दे विशेषज्ञों का कहना है की पराली को जलाने से मिट्टी में पाए जाने वाले जैविक तत्व और कई फायदेमंद जीवाणु नष्ट होने लगते हैं, इससे जमीन की उर्वराशक्ति खत्म होने लगती है और वायु प्रदूषण भी फैलता है।

कृषि विभाग का जागरूकता अभियान

कृषि विभाग किसानों को इस नई नीति को लेकर जागरूक करने के ख़ास अभियान चलाने की तैयारी में है। इतना ही नहीं विभाग के अधिकारी और कृषि सलाहकार इसके साथ ही गांव-गांव जा करके किसानों को इसके बारे में बताएंगे और समझायेंगे कि किस तरह से स्ट्रॉ रीपर का इस्तेमाल करने से किसान पर्यावरण को सुरक्षित रख पाएंगे और पशुओं के लिए चारा भी मिलेगा।

आदेश ना मानने पर होगी कारवाही

किसान अगर इस आदेश को नहीं मानती है तब इसके खिलाफ सीआरपीसी की धारा 133 के तहत कार्रवाई होगी। इसके अलावा, उनक किसानो का कृषि विभाग में पंजीकरण रद्द भी कर किया जाएगा और वह किसान किसी भी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पाएंगे। कई सारे किसान इसको पर्यावरण के लिए अच्छा समझ कर कदम उठा रहे हैं, वही कुछ को इस बात की चिंता है कि सब के लिए स्ट्रॉ रीपर खरीद पाना बिल्कुल संभव नहीं होने वाला है। इस पर प्रशासन ने भरोसा दिला दिया है कि किसानों को सब्सिडी दरों पर इस मशीन को उपलब्ध करवाया जायेगा।

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