किसान फसल बोने से पहले ₹5 का यह एक काम करें, हजारों रुपए बच जाएंगे, उत्पादन बढ़ जाएगा, जानिए कहां करें संपर्क

On: Thursday, September 11, 2025 11:12 AM
सॉइल हेल्थ कार्ड

किसान, खेत में नई फसल जैसे कि रबी की फसल बोने जा रहे हैं, तो फसल बोने से पहले यदि एक छोटा-सा काम कर लेंगे, तो खाद का खर्चा घट जाएगा और आमदनी बढ़ जाएगी।

किसानों के लिए उद्यान विभाग में मिल रही है यह सुविधा

किसानों को उद्यान विभाग कई तरह की सुविधाएं देता है। यहाँ एक ऐसी सुविधा की बात की जा रही है, जो सिर्फ ₹5 में किसानों को उपलब्ध होती है। इससे किसानों को कई तरह के फायदे होते हैं जैसे खाद की लागत घटती है, फसल को सही मात्रा में पोषण मिलता है और उत्पादन बढ़ता है।

दरअसल, यहाँ मिट्टी परीक्षण की बात की जा रही है। आपको बता दें कि खैरथल (तिजारा) जिले में अनाज मंडी है, जहाँ पर उद्यान विभाग द्वारा किसानों को मिट्टी की जांच की सुविधा दी जा रही है। यहाँ मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला चलाई जा रही है, जिसमें जाकर किसान अपने खेत की मिट्टी और पानी की जांच कर सकते हैं। इसके लिए किसानों को नाममात्र शुल्क यानी कि सिर्फ ₹5 देना पड़ता है। आइए जानते हैं कि मिट्टी जांच कराने से आपको क्या-क्या पता चल सकता है।

इस रिपोर्ट में मिल जाती है मिट्टी की पूरी जानकारी

जब किसान भाई अपने खेत की सूखी हुई मिट्टी मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में ले जाते हैं, तो वहाँ उसकी जांच की जाती है और फिर एक सॉइल हेल्थ कार्ड (मृदा स्वास्थ्य कार्ड) बनाया जाता है। बताया जा रहा है कि हर दिन 40 से 50 किसानों के सॉइल हेल्थ कार्ड बनाए जा रहे हैं, क्योंकि किसान अब इसके प्रति जागरूक हो रहे हैं। उन्हें लगता है कि यह जानना जरूरी है कि उनके खेत की मिट्टी में किस पोषक तत्व की कमी है और किसकी अधिकता है।

ऐसे में वे उसी अनुसार खाद देंगे। बिना जरूरत के जो चीज पहले से मिट्टी में मौजूद है, उसे दोबारा नहीं डालेंगे। इससे खाद की लागत कम होगी। किसान जरूरत के अनुसार ही खाद देंगे, जिस तत्व की कमी है, उसी को अधिक मात्रा में देंगे। इससे फसल को आवश्यक पोषण मिलेगा, मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी और उत्पादन बेहतर होगा। बताया जा रहा है कि इस रिपोर्ट में यह जानकारी मिलती है कि मिट्टी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्वों की कमी है या अधिकता।

इन दस्तावेजों के साथ विभाग में करें संपर्क

यदि मिट्टी की जांच करवानी है, तो ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं है। अपने नजदीकी कृषि पर्यवेक्षक से संपर्क कर सकते हैं या सीधे संबंधित विभाग में जा सकते हैं। वहाँ पर आधार कार्ड और खसरा नंबर देना होता है। ₹5 का शुल्क लिया जाता है और मिट्टी की जांच की जाती है।

कृषि विभाग का कहना है कि खरीफ और रबी की फसल लगाने से पहले किसानों को मिट्टी की जांच जरूर करवा लेनी चाहिए। इससे यह जानकारी मिल जाती है कि जिस फसल को आप लगाना चाहते हैं, उसके अनुसार कौन-सी खाद दें और आपकी खेत की मिट्टी को किन पोषक तत्वों की आवश्यकता है। यह सारी जानकारी रिपोर्ट में उपलब्ध होती है।

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