आज हम आपको किसानो के हित में एक जबरदस्त खबर सुनाने जा रहे हैं। इसके बारे में जानकर आपकी खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा। अगर सब ठीक रहेगा तब ऐसे में मध्य प्रदेश के किसान केवल देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपने गेहूं की फसल बेच पाएंगे। आपको बता दे की मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड एक खास योजना पर कार्य कर रही है। वही खबर है कि प्रदेश भर के गेहूं की कई देशों में भारी डिमांड है। जिससे कि गेहूं के रेट भी अच्छे मिल जाएंगे और किसान मालामाल होंगे। किसानों के हित में यह कार्य किया जा रहा है।
सॉर्टेक्स क्लीन प्लांट लगाने का प्लान
सॉर्टेक्स क्लीन प्लांट प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में लगाने की तैयारी चल रही है। फिलहाल निजी क्षेत्र में सॉर्टेक्स क्लीन प्लांट लगाए गए हैं। वहीं डेढ़ लाख से 2 करोड़ के बीच इसकी लागत आ चुकी है। जिसमें सिंपल और कलर प्लांट से अलग-अलग क्वालिटी का गेहूं निकाला जाता है। जिसमें फर्स्ट, सेकंड, और थर्ड ये तीन छलने लगाए जाते हैं। जिसमें से टॉप कलर वाला गेहूं फर्स्ट क्वालिटी कहां माना जाता है जो कि विदेशियों को बेहद पसंद है। विदेशी लोगों को यह गेहूं पसंद है जिसकी वजह से इस गेहूं को खरीदते हैं।
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गेहूं निर्यात के लिए होंगी कई सुविधाएं उपलब्ध
फिलहाल निजी क्षेत्र के सॉर्टेक्स क्लीन प्लांट का इस्तेमाल किसान नहीं कर पा रहे हैं ऐसे में वही मंडियों में सॉर्टेक्स क्लीन प्लांट लगाने के बाद में किसान बहुत ही आसानी से इसका इस्तेमाल करके गेहूं की ग्रेडिंग कर सकेंगे और इनको विदेश में बेच पाएंगे। सॉर्टेक्स क्लीन प्लांट लगाने के बाद में अलावा विदेशों में गेहूं निर्यात के लिए कई बुनियाद सुविधा भी उपलब्ध की जाएंगी।
गेहूं की बढ़ती डिमांड
रूस और यूक्रेन के बीच हुए युद्ध के बाद में विश्व बाजार में गेहूं की डिमांड लगातार और बढ़ती जा रही है। अब ऐसे में युद्ध शुरू होने के बाद से ही गेहूं भारत से कई देशों में पहुंचा जा रहा है। सरकार द्वारा चलाई गई इस योजना के ज्यादा से ज्यादा फायदा उठा सके और वास्तविक लाभ प्रदेश के किसानों को मिल सके इसके लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बैठक ली और कई बिंदुओं को लेकर योजनाएं तैयार की साथ ही इस योजना को धीरे-धीरे अमली जामा भी पहनाया जा रहा है।
मंडिया हुई हाईटेक
सरकार द्वारा चलाई गई इस योजना के तहत मंडियों को भी हाईटेक किया गया। वर्तमान में चल रहे महीना 1 जनवरी से ए और बी ग्रेड की 83 मंडियों को हाईटेक बनाया जा चुका है। अब ऐसे में 1 अप्रैल से प्रदेश भर की सभी लगभग 259 मंडियों को हाईटेक किया जाएगा। अब ऐसे में किसानों को जोखिम कम हो इसके लिए सुरक्षा राशि बधाई जाने पर काम होगा साथ ही किसानों को कृषि उपज भुगतान का भुगतान उसी दिन कर दिया जाएगा। इसमें 2 लाख से कम राशि का नकद और इससे ज्यादा का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से होगा।