इस लेख में केले की खेती करने वाले किसानों के लिए एक कमाल का जुगाड़ बताया गया है, जिसे हिमांशु नाथ सिंह ने बताया, तो चलिए आपको बताते हैं कि कैसे 10 दिन का काम एक दिन में किया जा सकता है, जिससे मजदूरों के पैसे बचेंगे-
केले की फसल में मिट्टी चढ़ाना होगा आसान
केले की खेती में किसान मुनाफे में हैं, इसमें पारंपरिक फसलों से ज्यादा मुनाफा है। ज्यादातर किसान केले की खेती दूसरे फलों के मुकाबले आसानी से कर लेते है। लेकिन इसमें कई तरह के काम भी होते हैं। जिन्हें समय पर पूरा करना होता है। जिसमें केले की फसल में बताया जाता है कि पौधों पर मिट्टी लगाने का काम मेहनत वाला होता है, जिसके लिए मजदूरों को रखना पड़ता है और यह काफी लंबा चलता है, लेकिन अब यह काम आसान होगा और एक दिन में एक मजदूर से पूरा हो जाएगा।
जिसमें हिमांशु नाथ सिंह बताते हैं कि वह भी केले की खेती कर रहे हैं और मिट्टी लगाने के मुश्किल काम के लिए पहले कम से कम 7 मजदूर रखते थे, और उनसे करीब 10 दिन तक काम कराते थे। जिससे काफी खर्चा होता था और समय भी लगता था लेकिन अब वो 1 दिन में 20 बीघा जमीन के पौधे में मिट्टी चढ़ा देते हैं तो चलिए आपको बताते हैं वो कौन सा जुगाड़ अपनाते हैं।

केले के पौधे पर मिट्टी चढ़ाने का किसान का जुगाड़
केले के पौधों पर मिट्टी डालने का काम इसलिए भी किया जाता है ताकि पौधों को पोषण मिले। इसके आलावा मिट्टी चढ़ाना इसलिए भी जरूरी होता है क्योंकि, आंधी-तूफान में पौधे जल्दी गिर जाते हैं। जिससे किसान को भारी नुकसान होता है। लेकिन अगर मिट्टी डाल दी जाए तो पौधे मजबूती से खड़े रहते हैं. जिसमें हिमांशु नाथ सिंह बताते हैं कि मिट्टी डालने के लिए वो ट्रैक्टर और हल/प्लाउ का इस्तेमाल करते हैं. उनके पास एक मिनी ट्रैक्टर है जिसमें उन्होंने प्लाउ को पीछे उल्टा लगा रखा है।
लेकिन इस जुगाड़ को काम करने में समय लगा. उन्होंने प्लाउ को मिनी ट्रैक्टर में उल्टा जोड़ा और जब वह इसे खेत में चलाते हैं, तो मिट्टी केले के पौधों पर लग जाती है, इससे जड़ों को बिल्कुल भी नुकसान नहीं होता है, एक दिन के भीतर वह पूरे खेत में मिट्टी चढ़ा देते हैं। जिससे मजदूरों का खर्चा खत्म हो जाता है।
लेकिन यहां किसानों को ध्यान रखना पड़ता है कि पौधों को किसी भी तरह से नुकसान न पहुंचे, अगर पौधों को सही दूरी पर लगाया जाए तो इस जुगाड़ से काम आसान हो जाएगा। जैसा कि आप तस्वीरों में देख सकते हैं कि मिनी ट्रैक्टर आसानी से खेत के बीच तक पहुंच पाता है, और ब्लेड उल्टा लगा होने की वजह से मिट्टी ऊपर की तरफ चली जाती है।