MP के किसानों का माथा भन्नाया, ब्लैक में DAP-यूरिया खाद की बिक्री से गुस्साए किसानों ने किया चक्का जाम, मंत्री की गाड़ी भी फंसी

On: Thursday, December 11, 2025 11:11 AM
किसानों ने इन चार स्थानों पर लगाया जाम

MP के छतरपुर में खाद की ब्लैक मार्केटिंग को लेकर किसानों ने हाईवे पर सड़क जाम कर दिया। जिसके बाद मंत्री भी बैठक में सम्मिलित नहीं हो पाए, आइये जाने पूरी वजह-

MP के किसानों को खाद की किल्लत

मध्य प्रदेश के छतरपुर में इस समय किसानों का गुस्सा देखने लायक है। दरअसल, किसानों का कहना है कि उन्हें खाद नहीं मिल रही है, अगर मिल रही है तो उसकी कीमत बहुत ज्यादा है। जिससे किसानों को खाद की समस्या देखने को मिल रही है। किसान बताते हैं कि खाद के लिए वह पूरी रात लाइन में लगते हैं। इस सर्दी में भी उन्हें बिना खाद के लौटना पड़ रहा है।

जिससे रबी सीजन में बुवाई में भी देरी हो रही है। इसलिए वह सरकार के सामने अपनी बात रखना चाह रहे हैं। जिसमें मध्य प्रदेश में सोमवार के दिन सड़क पर किसान चक्का जाम करते नजर आये, चार जगह पर उन्होंने चक्का जाम किया।

किसानों ने इन चार स्थानों पर लगाया जाम

इस चक्के जाम से मुख्यमंत्री के साथ हो रही मंत्रियों की बैठक में भी असर देखने को मिला। आपको बता दे की बमीठा और खजुराहो मार्ग में किसानों ने चक्का जाम किया। नेशनल हाईवे 39 से भी आवागमन अवरुद्ध हुआ, जो मंत्री खजुराहो की समीक्षा बैठक में जा रहे थे उन्हें भी किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ा। झांसी मिर्जापुर नेशनल हाईवे 76 को थाने के सामने भी रोका गया। इस तरह से किसानों ने कई जगह पर चक्का जाम किया। आईए जानते हैं किसानों का कहना क्या है कितनी महंगी खाद बिक रही है।

DAP-यूरिया खाद ब्लैक में बिक रही किसानों का आरोप

किसानों का कहना है कि डीएपी, यूरिया खाद जिसकी ज्यादा जरूरत पड़ती है। यह सब ब्लैक में बिक रही है, और उसकी कीमत भी अधिक हो रही है। डीएपी 1900 से ₹2000 में यूरिया 500 से ₹6000 में बिक रही है। किसानों ने कहा कि खाद से ही अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है। इसलिए खाद की उन्हें सख्त जरूरत है। लेकिन खाद नहीं मिल रही है। इसके अलावा किसानों ने कहा कि महिलाओं के साथ बदसुलूकी भी की जा रही है। तहसीलदार ऋतु सिंगी ने एक छात्रा को थप्पड़ भी मारा है। जिसका वीडियो भी बना है। जिसके बाद तहसीलदार के खिलाफ नोटिस जारी हुई। मगर कोई ठोस कार्यवाही की जानकारी नहीं मिल रही है।

किसानों का यह आक्रोश कई बातों को लेकर देखने को मिला है। जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि टोकन खाद को लेकर बांटे जा रहे हैं। 1300 से अधिक सोमवार के दिन टोकन बंटे हैं। लेकिन फिर भी किसान की संख्या बढ़ रही है। जिससे व्यवस्था बिगड़ रही है।

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