जिन किसानों की फसल को जंगली जानवरों ने नुकसान पहुंचाया था, उन किसानों को अब मुआवजा मिल गया है। चलिए जानते हैं कि यह खुशखबरी आखिर किसे और क्यों मिली है।
जंगली जानवरों से किसानों को नुकसान
जंगली जानवरों का निवास जंगल होता है, लेकिन जब ये खेतों में पहुंचते हैं, तो किसानों की फसल को खा जाते हैं या रौंदकर नष्ट कर देते हैं। इससे किसानों को भारी नुकसान होता है। किसान मेहनत और पैसा लगाकर फसल तैयार करता है, लेकिन जंगली सुअर और नीलगाय जैसे जानवर खेतों में घुसकर फसल बर्बाद कर रहे हैं।
हालांकि, इस मुश्किल समय में वन विभाग किसानों के साथ खड़ा हुआ है और उन्हें मुआवजा भी दे रहा है।
किन किसानों को मिला मुआवजा?
जंगली जानवरों के कारण जो फसल बर्बाद हुई थी, उसकी भरपाई के लिए किसानों को कुल ₹2,17,500 का मुआवजा दिया गया है। यह मुआवजा असम के पोबितोरा वन्य जीव अभयारण्य द्वारा दिया गया है। यह अभयारण्य मोरीगांव जिले के मयांग क्षेत्र में स्थित है।
यहां के 29 किसानों को सबसे ज्यादा मुआवजा मिला है, जिसमें लगभग ₹7,500 प्रति किसान की दर से राशि बांटी गई। बताया गया कि इन किसानों की मक्का, चावल आदि की फसलें पिछले वर्ष छुट्टा जानवरों द्वारा बर्बाद कर दी गई थीं।
मुआवजा पाने के लिए किसानों ने क्या किया था?
अगर फसल जानवरों द्वारा बर्बाद हो जाती है, तो किसान मुआवजे के लिए आवेदन कर सकते हैं। यहां जंगली जानवरों के कारण नुकसान हुआ था। इसलिए किसानों ने रेंज वन कार्यालय में मुआवजे के लिए आवेदन किया था। आवेदन के बाद वन विभाग द्वारा जांच की गई और उचित प्रक्रिया के तहत मुआवजा प्रदान किया गया। इसके साथ ही, अभयारण्य की टीम अब यह प्रयास कर रही है कि पशु खेतों से दूर रहें ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों।
इसी तरह, प्राकृतिक आपदाएं जैसे भारी बारिश, सूखा, ओलावृष्टि आदि के लिए भी मुआवजा दिया जाता है। बशर्ते किसान ने फसल का बीमा कराया हो।