हरी भरी मिर्च की खेती से मार्च के महीने में खुलेगी किसानों की किस्मत। हरी मिर्च की खेती एक लाभदायक व्यवसाय हो सकता है, खासकर यदि इसे सही तकनीकों और प्रबंधन के साथ किया जाए। हरी मिर्च का उपयोग मसालों, अचार और विभिन्न व्यंजनों में किया जाता है, जिससे इसकी बाजार में लगातार मांग बनी रहती है। आइए इसकी खेती के बारे में विस्तार से जानते है।
हरी मिर्च की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी
हरी मिर्च की खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु सबसे उपयुक्त होती है। दोमट या बलुई दोमट मिट्टी जिसमें जैविक पदार्थ अधिक हो, उपयुक्त होती है। मिट्टी का pH मान लगभग 6.0-7.5 के बीच होना चाहिए।
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हरी मिर्च की खेती कैसे करें
हरी मिर्च के बीज को नर्सरी में तैयार करें और 25-30 दिन बाद पौधों को खेत में रोपें। एक हेक्टेयर में 1-1.5 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। कतार से कतार की दूरी 45-60 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 30-40 सेमी रखें। गर्मियों में 4-5 दिन के अंतराल पर और सर्दियों में 8-10 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें।
जैविक खाद के साथ NPK संतुलित मात्रा में दें। टपक सिंचाई प्रणाली अपनाने से पानी की बचत होती है और उत्पादन बेहतर होता है। बुवाई के 60-70 दिन बाद हरी मिर्च की तुड़ाई शुरू हो जाती है। इससे औसत उपज 100-150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है। हरी मिर्च की तुड़ाई सुबह या शाम को करें ताकि ताजगी बनी रहे।
हरी मिर्च से कमाई
हरी मिर्च को स्थानीय बाजार, सुपरमार्केट, अचार बनाने वाली कंपनियों और थोक विक्रेताओं से संपर्क करें। अच्छी गुणवत्ता की मिर्च का उचित दाम पाने के लिए सीधे उपभोक्ताओं या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बेच सकते हैं। मिर्च की खेती में एक एकड़ में लगभग 35 से 40 हजार रूपए का खर्चा आ जाता है जिसके बाद आप लगभग 2 लाख रूपए आराम से कमा सकते है।
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