किसान अगर धान के अलावा दूसरी फसलों की खेती करना चाहते हैं तो चलिए बताते हैं कि इसमें किन फसलों की खेती में मुनाफा है, और सरकार से कैसे मदद मिलेगी-
धान की खेती को छोड़ा किसानों ने
धान की खेती के लिए पानी की अधिक जरूरत होती है। लेकिन कुछ किसान धान की खेती को इस वर्ष छोड़ रहे हैं। क्योंकि भूजल स्तर धीरे-धीरे गिरता जा रहा है। जिससे आने वाले समय में पानी की समस्या हो सकती है। इसके अलावा धान के अलावा दूसरी फसल में उन्हें मुनाफा भी अधिक है। इसीलिए राज्य सरकार भी उन फसलों के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है, और धान की खेती छोड़ने पर प्रति एकड़ ₹8000 दे रही है तो चलिए आपको बताते हैं कि किन फसलों को किसानों ने चुना है और सरकार से कैसे आर्थिक मदद मिल रही है।
धान के बजाय यह फसल लगा रहे किसान
इस समय जो किसान धान की खेती नहीं करना चाहते हैं तो वह मक्का, सोयाबीन, बाजरा, मूंग, उड़द आदि की खेती कर सकते हैं। जिसमें मोटे अनाज की खेती में किसानों को अधिक मुनाफा है। इन सब के अलावा किसान अगर चाहे तो फूलों की खेती भी कर सकते हैं। जिसमें लिली और गैंडा आदि लगा सकते हैं। इससे व्यवसायिक तौर पर बड़े पैमाने पर खेती करके अच्छी आमदनी ली जा सकती है।
सरकार से मिल रही आर्थिक मदद
दरअसल,, यहां पर हरियाणा राज्य सरकार की बात की जा रही है। जहां पर किसान अगर धान की खेती को छोड़कर दूसरी फसल लगाते हैं तो उन्हें प्रति एकड़ ₹8000 की प्रोत्साहन राशि मिलती है। जिससे वह धान के बजाय दूसरी खरीफ फसल की खेती कर सकते हैं। क्योंकि हरियाणा में पानी की समस्या देखने को मिल रही है। इसके लिए किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा।
पोर्टल पर सत्यापन होने के बाद रिपोर्ट के आधार पर किसानों को प्रोत्साहन राशि मिलेगी। किसान को किसी भी फसल का चुनाव तभी करना चाहिए जब उस फसल के अनुसार आपके क्षेत्र की जलवायु, खेत की मिट्टी अच्छी हो और बाजार में उसकी मांग हो, तथा खर्चा कम आता हो।