इस लेख में आपको जैविक खाद बनाने की जानकारी दी जा रही है। जिसे किसान देवराज भाई बनाकर इस्तेमाल कर रहे हैं और अच्छा उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं-
किसान खुद बना रहे खाद
जैविक खेती का दौर तेजी से शुरू हो चुका है। अब अधिकतर किसान समझ चुके हैं कि रासायनिक खाद कितनी ज्यादा नुकसानदायक है। मिट्टी तो खराब होती है, सेहत में भी बुरा असर पड़ता है, तरह-तरह की बीमारियां लोगों के बीच तेजी से फैल रही है। जिनका बहुत बड़ा कारण रासायनिक खाद से उपजे अनाज भी है। यही सब देखते हुए भावनगर जिले के रहने वाले किसान देवराज भाई डोबरिया ने खुद खाद बनाना शुरू किया है, और अब अन्य किसानों के बीच एक मिसाल बन चुके हैं। लोगों को प्रेरणा देते हैं, बताते है किस तरीके से खाद बनाई जाती है।
तो चलिए आपको बताते हैं देवराज भाई किस तरीके से, किन चीजों का इस्तेमाल करके खाद बना रहे हैं और कितनी जमीन में उसका इस्तेमाल कर रहे हैं, कौन सी फसल में खाद डालते हैं, क्या फायदा होता है सब कुछ।
इन 4 चीजों से तैयार होती है जैविक खाद
वह जैविक खाद को तैयार करते हैं जिसके लिए बाजार से चीज खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती। अगर आप खेती के साथ-साथ पशुपालन भी करते हैं तो आपके पास यह सारी चीज आसानी से उपलब्ध होगी। जिसमें देवराज भाई बताते हैं कि वह वर्मीवाश नामक जैविक खाद बनाते हैं। जिसके लिए उन्हें गुड़, दाल के साथ-साथ गोमूत्र और गोबर की जरूरत पड़ती है। इन सब चीजों को एक टैंक में रखा जाता है और ड्रिप सिस्टम के द्वारा पौधों तक इन्हें पहुंचाया जाता है।
दरअसल, वह नींबू की खेती करते हैं। जिससे प्रत्येक पौधे में ड्रिप के द्वारा यह खाद देते हैं। उन्होंने 12 बीघा की जमीन में नींबू की खेती की है। जिससे पहले से अधिक उत्पादन प्राप्त हो रहा है। क्योंकि वर्मीवाश खाद नींबू की फसल के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद साबित हुई है, तो चलिए आपको बताते हैं, यह टैंक वह कैसे बनाते हैं।

वर्मीवाश के लिए टैंक
वर्मीवाश खाद टैंक में बनाते हैं। जिसे बनाने के लिए करीब 21000 रुपए उन्होंने खर्च किया है, और इस जगह से 12 बीघा की जमीन के लिए वह खाद बनाते हैं। इस टैंक के ढांचा की बात करें तो इसकी एक गहराई 2 फीट, ऊंचाई 4 फिट है और चौड़ाई 8 फीट रखी हुई है। जिसमें बेहतरीन खाद तैयार हो जाती है। वह कहते हैं कि अब उन्हें अपने खेत में केचुआ भी दिखाई पड़ रहा है। जिससे मिट्टी उपजाऊ होती है। क्योंकि मिट्टी में ऊपर नीचे जाते हैं और मिट्टी को भुरभुरी उपजाऊ बनाते हैं। वर्मीवाश खाद प्लास्टिक ड्रम, या बाल्टी में भी छोटे स्तर पर बना सकते है।
कम लागत में हो रही शानदार खेती
वर्मीवाश खाद बनाने के लिए उन्हें किसी महंगी चीज की जरूरत नहीं पड़ती और आसानी से यह खाद बनाकर तैयार हो जाती है। इस खाद को देने से मिट्टी उपजाऊ होती है, सेहतमंद उपज मिलती है। साथ ही साथ आपको बता दे की खरपतवार कम उगती है। जिससे मजदूर नहीं लगाने पड़ते हैं गुड़ाई के लिए। इस तरह मजदूरी की लागत बच जाती है, और खाद नहीं खरीदना पड़ता। जिससे रासायनिक खाद का पैसा भी बच जाता है।
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