किसानों पर आई मुसीबत! खेतों में हो रही पोषक तत्वों की कमी जमीन बनती जा रही बंजर। आज के समय में खेतों में कई उर्वरकों का इस्तेमाल किया जाता है जिसके चलते धीरे-धीरे जमीन अपनी उर्वरा शक्ति होती जा रही है। जमीनें लगातार बंजर बनती जा रही है। अब ऐसे में किसानों पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। मिट्टी में जिंक, नाइट्रोजन, फास्फोरस और बोरोन की कमी होती नजर आ रही है। जिसके लिए आपको कुछ बचाव करने की जरूरत है। आइए अब हम आपको बताते हैं कि जमीन की उर्वरा शक्ति को कैसे बचाया जाए।
जमीन की उर्वरा शक्ति बचाने के उपाय
1. एक समय हुआ करता था जब किसान जैविक और प्राकृतिक तरीकों से खेती किया करते थे जिसमें गोबर खाद और फलों की खली से पोषक तत्वों की पूर्ति की जाती थी। जिसके कारण से फसलों से सेहत भी अच्छी बनी रहती थी और स्वाद भी अच्छा मिलता था।
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2. समय के साथ-साथ जैविक खेती की जगह लोग रासायनिक खेती करने वालों खेत में गोबर खाद की जगह पर रासायनिक खादों का इस्तेमाल होने लगा इन्हीं वजह से मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी हो गई और उर्वरा शक्ति खत्म होने लगी।
3. पूरे जिले भर में अलग-अलग जगह पर 12000 मिट्टी के सैंपल की जांच हुई जिससे यह बात सामने आई कि बिना किसी जानकारी के रासायनिक खाद का इस्तेमाल करने की वजह से मिट्टी में पोषक तत्व खत्म होने की कगार पर आ गए हैं।
4. इस जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ कि खेत की मिट्टी में नाइट्रोजन, बोरान, जिंक, फास्फोरस और सल्फर की कमी हो चुकी है अगर समय रहते इस बात पर गौर नहीं किया गया तो जमीन पूरी तरह से बंजर हो जाएगी।
5. किसानों को इससे बचने के लिए मिट्टी की जांच करवानी होगी साथ ही मृदा कार्ड भी बनवा ले। जिससे संतुलित मात्रा में पोषक तत्व जमीन को मिलेंगे और इससे पैदावार भी बढ़ेगी और खेत की उर्वरा क्षमता बनी रहेगी।
6. साथ ही आपको जैविक खेती पर ज्यादा ध्यान देना होगा गोबर खाद का इस्तेमाल करना होगा फसलों पर छिलका वह खली से मिलने वाले पोषक तत्वों का इस्तेमाल करें जिससे कि जीवांश कार्बन की मात्रा बढ़ेगी और जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी।
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