इस लेख में किसान भाइयों को हवा में आलू की खेती कैसे करें और उस आलू के सेवन से क्या फायदे होते हैं, इसके बारे में जानकारी दी गई है-
हवा में आलू की खेती
जमीन में आलू की खेती परंपरागत तरीके से किसान करते आ रहे हैं। जिसमें आज भी कुछ खास बदलाव नहीं हुआ है। मेड बनाकर आलू की खेती की जाती है। लेकिन आलू की खेती का एक और तरीका है जो की अनोखा है। जिसमें आलू की खेती हवा में की जाती है, और यह आलू जमीन में उगने वाले आलू से ज्यादा फायदेमंद होता है। जमीन में उगने वाले आलू में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होने से डायबिटीज के मरीजों के लिए यह नुकसानदायक साबित हो जाता है। इससे रक्त शर्करा के स्तर में बढ़ोतरी होती है।
लेकिन हवा में उगने वाला आलू सेहत के लिए अधिक फायदेमंद होता है। जिसकी खेती बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के रामनगर में रहने वाले किसान विजय गिरी कर रहे हैं तो चलिए आपको बताते हैं आलू की इस वैरायटी का नाम क्या है।
हवाईयन आलू
हवा में उगने वाले इस आलू की वैरायटी को कृषि एक्सपर्ट हवाईयन आलू कहते हैं। इस आलू की खेती बेल वाली सब्जियों की खेती की तरह होती है। जैसे की लौकी, करेला की खेती मचान बनाकर करते हैं। इस तरह इस आलू को भी मचान बनाकर लगाया जाता है, और यह आलू भी हवा में उड़ते दिखाई पड़ते हैं। जैसे कि आम के पेड़ में फल टंगे हुए होते हैं। यह आलू सेहत के लिए इसलिए फायदेमंद होता है। क्योंकि इसमें विटामिन मिनरल्स के अधिक मात्रा होती है। यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। इसमें स्टार्च आलू की तुलना में कम मात्रा में होता है।
डायबिटीज के मरीज इसका सेवन कर सकते हैं। उनके लिए यह नुकसानदायक नहीं होगा। अगर डायबिटीज के मरीजों को आलू पसंद है लेकिन वह नहीं खा पाते हैं तो हवा में उगने वाले इस आलू का सेवन कर सकते हैं। चलिए आपको किसान के बारे में बताते हैं जिन्होंने इसकी खेती की उन्हें बीज कहां से मिला।

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दूसरे राज्य से मंगाया बीज
कई ऐसे किसान है जो नई-नई फसलों की खेती करने के लिए इच्छुक होते हैं। जैसे किसान विजय कई तरह की फसलों की खेती करते हैं। जो की अन्य किसान नहीं करते हैं। इसी कड़ी में उन्होंने हवा में उगने वाले आलू की खेती की है, और इसके बीज उन्होंने छत्तीसगढ़ से मंगाए थे। यह आलू जमीन में उगने वाले आलू से ज्यादा फायदेमंद होता है, और इसका आकार भी उस आलू से अलग दिखाई पड़ता है। जैसा कि आप इन तस्वीरों में देख पा रहे होंगे।