किसान की हुई चांदी, खरबूजा लगाकर की 3 लाख की कमाई, जानिये कितने एकड़ में लगाया और कितना आया खर्चा। जिससे आपको पता हो खरबूजा की खेती की पूरी जानकारी।
खरबूजा की खेती में किसान हुआ मालामाल
खरबूजा की खेती करके किसान तगड़ी कमाई कर सकते हैं। देश में कई ऐसे किसान है जो खरबूजे की खेती करके कम समय और लागत में मालामाल हो रहे हैं। इसी कड़ी में आज हम एक ऐसे किसान की सफलता की कहानी जानने वाले हैं जिन्होंने परंपरागत खेती छोड़कर खरबूजे की खेती शुरू कर दी। जिसमें उन्हें निवेश कम करना पड़ता है और कमाई ज्यादा होती है।
दरअसल, यह वैशाली जिला के रहने वाले हैं। जिन्होंने खरबूजे की खेती से अपार सफलता हासिल की है। बता दे कि वह बीते 10 सालों से तरबूज की खेती कर रहे हैं, और उन्हें इसमें अच्छा खासा मुनाफा मिल रहा है। जबकि पहले इनके पिता पारम्परिक खेती करते थे। चलिए जानते हैं वह खरबूजे की खेती कैसे करते हैं और उसमें निवेश और कमाई कितनी है।
ऐसे शुरू की खरबूजे की खेती
खरबूजे की खेती करने के लिए बोवाई के समय ध्यान रखना चाहिए। सही समय पर अगर बुवाई करते हैं और मौसम भी बढ़िया रहा तो इसमें अच्छी बढ़िया पैदावार भी मिल जाती है। जिसमें किसान का कहना है कि जनवरी के महीने में इसकी बुवाई कर सकते हैं, और फिर गर्मी की शुरुआत होने के साथ-साथ फल भी मिलने लगते हैं। जिससे वह बाजार में अप्रैल के अंतिम सप्ताह से ही खरबूजे बेंच सकते हैं।
वहीं बात करें जमीन की तो किसान संजय सैनी का कहना है कि उन्होंने 5 एकड़ में खरबूजे की खेती की जिससे उन्हें 4 महीने में ₹300000 की कमाई हुई। क्योकि खरबूजा लोगो को गर्मियों में बहुत पसंद आता है और सस्ता होने के वजह से लोग खूब खरीद लेते है। जिससे किसान को भी फायदा हो जाता है। चलिए जानते हैं खर्चा कितना आया। जिससे आपको इसके बारें में पूरी जानकारी रहे।
खरबूजे की खेती में निवेश और कमाई
खरबूजे की खेती में निवेश कम होता है। इसीलिए आज हम इसकी चर्चा कर रहे हैं। जिसमें उन्होंने बताया कि प्रति एकड़ उन्हें ₹10000 तक खर्च करना पड़ता है। जिससे उन्हें 50 से ₹60000 की कमाई होती है। वही गर्मियों के चार महीने में वाह 3 लाख रुपए तक की कमाई कर लेते हैं।
क्योंकि मंडियों में खरबूजा ₹25 तक में चला जाता है और अगर व्यापारी के हाथों देते हैं तो ₹22 प्रति किलो के हिसाब से खरबूजा की बिक्री होती है। इस तरह किसान को नगदी फसल की खेती में ज्यादा फायदा हो रहा है। यही कारण है कि आजकल ज्यादातर किसान परंपरागत खेती के बजाय फल, सब्जी आदि की खेती कर रहे हैं, बागवानी में हाथ आजमा रहे हैं।