नकली खाद बनाकर किसानों को बेंचा जा रहा था, जिनका लाइसेंस रद्द कर दिया गया है, आइए आपको बताते हैं कि यह नकली खाद कहाँ और कैसे बन रही थी-
इन 4 राज्यों में बेंची जा रही थी नकली खाद
किसान खेती से अच्छा उत्पादन पाने के लिए फसलों को पोषण देने के लिए खाद का इस्तेमाल करते हैं, जिसे वे खरीदते हैं। कई कंपनियाँ हैं जो फैक्ट्री में खाद बनाती हैं ताकि किसानों को ज़्यादा उत्पादन मिले और वे ज़्यादा कमाई कर सकें, लेकिन कुछ कंपनियाँ ऐसी भी हैं जो किसानों के लिए नहीं बल्कि अपने लिए काम करती हैं, उन्हें किसानों के कल्याण की कोई परवाह नहीं है और वे नकली खाद बनाकर बेंच रही हैं, जिनमें हाल ही में 13 फैक्ट्रियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं।
दरअसल, ये नकली खाद बनाकर किसानों को बेंच रही थीं। यह नकली खाद बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा समेत करीब चार राज्यों में बेंची जा रही थी, जहाँ इस नकली खाद की सप्लाई होती थी।
DAP सहित कई तरह की नकली खाद
इन 13 फैक्ट्रियों में कई तरह की नकली खाद बनाई जा रही थी, जैसे DAP, जिप्सम, MOP से लेकर बायोजाइम, एसएसपी आदि। इन्हें बनाने के लिए रेत, मिट्टी और संगमरमर के टुकड़ों का इस्तेमाल किया जाता था, जिससे ज़मीन को कोई फ़ायदा नहीं होता, बल्कि नुकसान होता और ज़मीन बंजर हो जाती। तो आइए आपको बताते हैं कि यह नकली खाद कहाँ बनाई जा रही थी।
इस जगह तैयार हो रही थी नकली खाद
किसानों को लूटने के लिए नकली खाद बनाई जा रही थी। यह नकली खाद राजस्थान के किशनगढ़ के उदयपुर कला औद्योगिक क्षेत्र में बनाई जा रही थी, जहाँ एग्रो नाम से कई तरह की फैक्ट्री चल रही है, जो अब तक खाद बनाने के लिए मशहूर थी, लेकिन अब इन पर नकली खाद बनाने का ठप्पा लग गया है। ये लोग नकली खाद बनाकर फिर ब्रांडेड कंपनियों के नाम से बेंचते थे, जिससे इनपर किसी को शक भी नहीं होता था, लेकिन अब इनके लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं और मुकदमा भी दर्ज हो गया है।