इस लेख में लाल चंदन की खेती और इससे होने वाली कमाई से जुड़ी संपूर्ण जानकारी दी गई है, तो आइये जानते है-
भारत में पेड़ पौधों की खेती हमेशा से किसानों की आय का साधन रही है। हाल के वर्षों में औषधीय और मूल्यवान वृक्षों की खेती की ओर किसानों का रुझान बढ़ा है। इन्हीं में से एक है लाल चंदन का पेड़ जिसे रेड सैंडलवुड कहा जाता है। यह पेड़ बहुत कीमती होता है और देश विदेश में इसकी मांग बहुत अधिक है। इसकी लकड़ी का उपयोग दवा, सजावटी सामान और फर्नीचर में किया जाता है। सही तरीके से लाल चंदन की खेती करने पर किसान को लाखों रुपये की कमाई हो सकती है। आइए लाल चंदन की खेती की सम्पूर्ण जानकारी जानते हैं।
लाल चंदन की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी
लाल चंदन की खेती के लिए उष्णकटिबंधीय (ट्रॉपिकल) और उपोष्णकटिबंधीय (सबट्रॉपिकल) जलवायु उपयुक्त होती है। जहां साल भर तापमान 25 से 40 डिग्री सेल्सियस तक रहता हो वहां यह पेड़ अच्छे से बढ़ता है। बलुई दोमट और हल्की लाल मिट्टी इसकी खेती के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। मिट्टी में पानी निकास अच्छा होना चाहिए ताकि पेड़ की जड़ों में पानी न रुके।
जमीन की तैयारी और पौधारोपण
खेती के लिए पहले खेत की अच्छी जुताई करनी चाहिए और खरपतवार को हटा देना चाहिए। लाल चंदन के पौधे नर्सरी से तैयार किए जाते हैं। पौधे लगाने का सबसे अच्छा समय जून से जुलाई के बीच का होता है। पौधों के बीच 10 से 12 फीट की दूरी रखनी चाहिए ताकि पेड़ फैलकर अच्छे से बढ़ सकें।
सिंचाई और देखभाल
लाल चंदन का पेड़ सूखा सहन कर लेता है लेकिन शुरुआती वर्षों में सिंचाई जरूरी होती है। गर्मी में 15 दिन पर और सर्दी में 25 से 30 दिन पर सिंचाई करनी चाहिए। तीन से चार साल बाद पेड़ खुद पानी में जीवित रह सकता है। खरपतवार नियंत्रण और समय पर निराई गुड़ाई जरूरी है।
खाद और रोग नियंत्रण
पौधे की अच्छी बढ़त के लिए गोबर की खाद और संतुलित रासायनिक खाद डाल सकते हैं। लाल चंदन पर आमतौर पर ज्यादा रोग नहीं लगते लेकिन दीमक और पत्तियों के कीट से बचाने के लिए समय पर जैविक कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए।
कटाई और उपयोग
लाल चंदन का पेड़ धीरे बढ़ता है और इसे पूरी तरह तैयार होने में 12 से 15 साल का समय लगता है। कटाई के बाद इसकी लकड़ी लाल रंग की और बहुत मजबूत होती है। इसका उपयोग औषधि, फर्नीचर, मूर्तियां और नक्काशीदार सामान बनाने में किया जाता है। विदेशों में भी इसकी मांग बहुत अधिक है।
लाल चंदन की खेती में कमाई
लाल चंदन की खेती में शुरुआत में खर्च कम आता है लेकिन समय लंबा लगता है। एक हेक्टेयर में लगभग 400 से 500 पौधे लगाए जा सकते हैं। 15 साल बाद एक पेड़ से 5 से 7 लाख रुपये तक की आमदनी हो सकती है। यदि कोई किसान 400 पौधे लगाता है तो उसे 15 से 20 करोड़ रुपये तक की कमाई हो सकती है। हालांकि बिक्री के लिए सरकार की अनुमति जरूरी होती है क्योंकि यह पेड़ संरक्षित प्रजातियों में आता है।
निष्कर्ष
लाल चंदन की खेती लंबी अवधि का निवेश है। जो किसान धैर्य रख सकते हैं और भविष्य के लिए सुरक्षित आय का स्रोत चाहते हैं उनके लिए यह खेती बहुत फायदेमंद है। यदि किसान सरकारी नियमों का पालन करके इसकी खेती करें तो आने वाले वर्षों में उन्हें जीवनभर की अच्छी कमाई हो सकती है।
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