अगर पिपरमेंट की खेती से लखपति कम समय में बनना चाहते हैं, तो चलिए आपको इसके खर्च और खेती के बारे में बताते हैं।
पिपरमेंट की खेती में कमाई
पिपरमेंट की मांग समय के साथ बढ़ रही है। इसलिए इसकी खेती में किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है। पिपरमेंट, जिसे मेंथा भी कहा जाता है, से दवाइयाँ, सौंदर्य प्रसाधन, पान मसाला जैसे कई तरह के उत्पाद बनाए जाते हैं। इसके अलावा, खाद्य पदार्थों में सुगंध और स्वास्थ्य लाभ के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
पिपरमेंट का तेल निकालकर भी किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं। लेकिन इसकी खेती से भी बड़ा लाभ मिलता है। प्रति एकड़ किसान एक लाख रुपये तक का मुनाफा कमा सकते हैं। एक बार इसकी फसल लगाने के बाद तीन बार तक इसका उत्पादन किसानों को मिल सकता है।

पिपरमेंट की खेती में खर्चा
पिपरमेंट की खेती में प्रति एकड़ खर्च लगभग 15,000 से 20,000 रुपये तक आता है। किसान इसमें निवेश करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। यदि किसान पिपरमेंट के तेल निकालने का प्लांट लगा लेते हैं, तो 2 से 3 महीने में ही काफी अधिक कमाई हो सकती है। साथ ही, वे अन्य किसानों की फसल से भी तेल निकालकर अतिरिक्त आमदनी कर सकते हैं। सरकार भी तेल निकालने के प्लांट को लगाने में मदद करती है, जिससे खर्च कम हो जाता है।
पिपरमेंट की खेती के लिए मिट्टी और समय
पिपरमेंट की खेती से अच्छा उत्पादन लेने के लिए किसानों को बलुई दोमट मिट्टी या मटियार दोमट मिट्टी का चयन करना चाहिए। यह मिट्टी पिपरमेंट की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है। अगर समय की बात करें, तो पिपरमेंट की खेती जनवरी से फरवरी के अंत तक की जा सकती है। फरवरी में जड़ लगाकर इसकी खेती की जाती है। किसान, अगर पारंपरिक फसलों से अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो पिपरमेंट की खेती एक बेहतर विकल्प हो सकती है। पिपरमेंट की फसल 90 से 120 दिनों में तैयार हो जाती है।
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