अगर किसान एक बीघा जमीन से अच्छी-खासी इनकम, वह भी कम खर्चे में लेना चाहते हैं, तो चलिए बताते हैं इस सब्जी की खेती के बारे में।
एक बीघा जमीन से ₹75,000 की कमाई
एक बीघा जमीन से भी किसान ₹75,000 की कमाई कर सकते हैं, अगर यह फसल बताए गए तरीके से लगा लें। इसमें खर्चा भी कम आता है, इसलिए छोटे किसानों के लिए यह फसल किसी वरदान से कम नहीं है। दरअसल, यहां पर कुंदरू की खेती की बात हो रही है।
कुंदरू की कीमत की बात करें, तो इस समय यह ₹15 से ₹43 प्रति किलो के बीच है। यह आज की कीमत है, जो आगे-पीछे होती रहती है। इसमें खर्च केवल ₹3,000 से ₹4,000 आता है, लेकिन कमाई एक बीघा से ₹75,000 तक हो सकती है। तो चलिए जानते हैं कि यह कैसे संभव है।
एक बीघा में मिलने वाला उत्पादन
अगर किसान एक बीघा में कुंदरू की खेती करते हैं, तो 20 से 30 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। चूंकि 1 क्विंटल = 100 किलो होता है, तो 25 क्विंटल में 2,500 किलो कुंदरू होगा। अगर कीमत ₹30 प्रति किलो मानी जाए, तो ₹75,000 का सीधा मुनाफा हो सकता है।
अच्छा उत्पादन लेने के लिए मचान विधि से खेती की जाती है, जिसमें बीच-बीच में बांस या लकड़ी के डंडे लगाए जाते हैं और जाल जैसा ढांचा बना दिया जाता है, जिससे फसल ऊपर रहती है और जमीन को नहीं छूती। कुंदरू एक बेल वाली फसल है, इसलिए इसे सहारे की जरूरत पड़ती है। इस विधि से फलों की गुणवत्ता बेहतर होती है और बाजार में अच्छी कीमत मिलती है।
एक बार लगाकर 4 साल तक कमाई
कुंदरू के पौधे एक बार लगा देने पर 4 से 5 साल तक मुनाफा देते रहते हैं, क्योंकि यह लगातार उत्पादन देती है। यह एक बहुवर्षीय फसल है, जिसे बार-बार लगाने की जरूरत नहीं होती।
इससे किसानों का खर्च बचता है। बस बीच-बीच में जैविक खाद डालें, खरपतवार निकालें और समय पर तुड़ाई करके बिक्री करें। कुंदरू की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है। इसके लिए गर्म और नम जलवायु उपयुक्त है।
समय की बात करें, तो जून-जुलाई में बरसात शुरू होते ही इसकी बुवाई की जा सकती है। इसके अलावा फरवरी-मार्च में भी बेल के कलम द्वारा इसे लगाया जा सकता है।