2 करोड़ हुई टमाटर से कमाई, चंद दिनों में खड़ा हुआ पैसों का अंबार, जानिए कैसे की गर्म जलवायु में टमाटर की खेती। किसान ने की धान की खेती छोड़कर शुरू की टमाटर की खेती और 15 दिन के भीतर बन गए 2 करोड़ के मालिक। चलिए जानते हैं इस सफलता की पूरी कहानी।
धान में नहीं हुई कमाई तो लगाए टमाटर
आज हम जिन किसान की बात कर रहे हैं उनकी कहानी सालों से लोगों के दिमाग में गूंज रही है। दरअसल, वह तेलंगाना के किसान है और पहले धान की खेती किया करते थे। लेकिन इन्हें उसमें असफलता मिली। फिर उन्होंने टमाटर लगाने का सोचा और फिर उसमें उन्होंने करोड़ों रुपए कमाए। तो चलिए जानते हैं महिपाल रेड्डी के सफलता की कहानी। जिसमें उन्होंने टमाटर की खेती कैसे की और चंद दिनों में उन्होंने कैसे 2 करोड रुपए कमाए।
ऐसे की गर्म जलवायु में टमाटर की खेती
जहां वह रहते थे वहां टमाटर की खेती के लिए उचित जलवायु नहीं थी। लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और फिर टमाटर की खेती करने के लिए ठान ली। जिसमें उन्होंने अपार सफलता हासिल की। दरअसल उन्होंने क्या किया कि 8 एकड़ की जमीन में नेट का शेड लगवा दिया। जिसमें तकरीबन 16 लाख का खर्च आया। फिर वहां पर उन्होंने टमाटर की खेती की, जिससे बढ़िया गुणवत्ता वाली उपज उन्हें मिली।बता दे की अप्रैल में टमाटर के बीज लगाए और जून के अंतिम सप्ताह तक में कटाई करके बाजार में टमाटर बेच दिए।
जिसमें उन्होंने सिंचाई के लिए ड्रिप सिंचाई सिस्टम अपनाया। जो की सिंचाई की एक अच्छी विधि है। यही वजह है कि उन्हें गर्म जलवायु होने के बावजूद सही से टमाटर की खेती कर ली। बता दे कि वह तकरीबन 20 एकड़ की जमीन में धान की खेती किया करते थे। लेकिन उन्हें उसमें असफलता मिली। जिसके बाद उन्होंने कुछ जमीन में टमाटर की खेती शुरू कर दी और अब तो वह 80 एकड़ की जमीन किराये पर लेकर, 60 एकड़ में फिर भी धान की खेती करते हैं। चलिए अब जानते हैं उन्हें कितने दिनों में दो दो करोड रुपए की कमाई हुई। जो की एक महीने से भी कम दिन है।
चंद दिनों में दो करोड़ ऐसे कमाए
टमाटर की खेती करके एक ही सीजन में उन्होंने दो करोड रुपए कमा लिए। दरअसल, उन्होंने 15 दिन में ही टमाटर की फसल बेचकर 2 करोड रुपए कमाए। जो कि किसी चमत्कार से कम नहीं था। यही वजह है कि उनकी कहानी आज तक लोगों की जुबान पर है। क्योंकि उन्होंने जून 2023 में करोड़ों के टमाटर बेंचे थे और उस समय उनके टमाटर 100 रु से लेकर 120 रु प्रति किलो के हिसाब से जा रहे थे। इसीलिए कहा जाता है कि रेड्डी के टमाटर सोने के थे।
जिसमें बताया जा रहा है कि उन्होंने 25 से 28 किलोग्राम के एक डिब्बे के टमाटर 2500 से ₹2700 में बेचे थे। इस तरह के उन्होंने 7000 डिब्बे बेचे थे। जिससे उन्हें अच्छी खासी कमाई हुई। इस तरह इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि अगर जलवायु भी सब्जियों के अनुसार ना हो फिर भी अगर किसान ठान लें तो खेती कर सकता है। क्योंकि आजकल इस तरह की सुविधा-साधन मिल रहे हैं कि आप कहीं पर भी कोई फल-सब्जी फसल की खेती कर सकते हैं।
लेकिन इन्होंने खेती करने से पहले बाजार का मुआयना किया। जो किसान टमाटर की खेती करते थे उनसे मिले। खेती की निगरानी की, उसके बाद ही खेती की। इसलिए अगर कोई भी खेती व्यापार के लिए आप करने जा रहे हैं, और उसमें अच्छा खासा निवेश करने जा रहे हैं तो उससे पहले बाजार की मांग के साथ-साथ खेती के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें।