इस सब्जी की खेती किसानों के लिए बहुत फायदेमंद होती है क्योकि इसकी खेती में लागत और समय कम लगता है और मुनाफा ज्यादा होती है कम समय में तैयार होने से किसान दूसरी फसल बो कर भी डबल कमाई कर सकते है। तो आइये इसकी खेती की सम्पूर्ण जानकारी जानते है।
40 दिनों में इस खेती से कमाएं लाखों
पालक एक पत्तेदार फसल है जो सर्दियों के सीजन में मार्केट में बहुत बिकती है पालक की खेती के लिए हम आपको बहुत अच्छी पैदावार देने वाली किस्म के बारे में बता रहे है पालक की ये किस्म कम अवधि वाली होती है इस किस्म के पत्ते एक समान हरे, मुलायम, बड़े और मोटे होते है। जो पकाने पर पत्ते आसानी से गल जाते है। ये किस्म खेती और किचन गार्डनिंग दोनों में उगाने के लिए आदर्श होती है। पालक की इस किस्म का नाम जोबनेर ग्रीन है ये पालक की एक उन्नत और उत्कृष्ट पैदावार देने वाली वैरायटी है।

पालक की जोबनेर ग्रीन किस्म
पालक की जोबनेर ग्रीन किस्म की खेती के लिए उचित जल निकासी वाली हल्की दोमट या मध्यम दोमट मिट्टी आदर्श होती है। इसकी बुवाई अक्टूबर नवंबर में करना उचित होता है। बुवाई के लिए प्रति हेक्टेयर आमतौर पर 20–25 किलो बीज की जरूरत होती है। इसकी खेती के लिए खेत में अच्छी मात्रा में सड़ी गोबर की खाद डालना लाभदायक माना जाता है। इसकी बुवाई लाइन में करना बेहतर होता है जिसमें पंक्तियों के बीच लगभग 20 सेंटीमीटर की दूरी रखनी चाहिए कीट रोग के लक्षण दिखने पर उचित कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए बुवाई के बाद पालक की जोबनेर ग्रीन किस्म की फसल लगभग 40 दिनों में प्रथम कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
पालक की जोबनेर ग्रीन किस्म की उपज
पालक की जोबनेर ग्रीन किस्म की उपज बहुत अच्छी होती है ये बाजार में जल्दी बिक जाती है एक हेक्टेयर में पालक की जोबनेर ग्रीन किस्म की खेती करने से लगभग 200 क्विंटल तक उत्पादन मिलता है आप इसकी खेती से 1.5-2 लाख रूपए की कमाई आराम से कर सकते है। ये वैरायटी अच्छी गुणवत्ता और रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली होती है। इसकी खेती जरूर करना चाहिए।

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