लौकी की इस वैरायटी की खेती से किसान बहुत अच्छा मुनाफा कमा रहे है इसकी खेती में लागत बेहद कम और मुनाफा छप्परफाड़ होता है। तो चलिए जानते है कौन सी किस्म है और कैसे खेती की जाती है।
लौकी की ये किस्म 3 महीने के अंदर होगी तैयार
लौकी एक ऐसी फसल है जिसकी न सिर्फ सब्जी बनाई जाती है बल्कि इससे पकोड़े और हलवा जैसे कई व्यंजन तैयार होते है जो खाने में बहुत स्वादिष्ट होते है। लौकी की खेती के लिए इस किस्म का चयन करना किसानों के लिए अति उत्तम और लाभदायक साबित है। क्योकि इसमें गुणवत्ता बहुत होती है इसकी खासियत ये है की ये किस्म रोगों के प्रति सहनशीलता और समान आकार के चमकदार हरे, बेलनाकार फलों के लिए जानी जाती है। हम आपको लौकी की विनायक वैरायटी की खेती के बारे में बता रहे रहे है। इसकी खेती गर्मी और खरीफ के मौसम में सफलतापूर्वक उगाई जा सकती है।

लौकी की विनायक वैरायटी
लौकी की विनायक वैरायटी सिंजेंटा कंपनी की एक उन्नत किस्म है इसकी खेती के लिए मचान विधि का इस्तेमाल करना उपयुक्त साबित होता है इस तकनिकी से खेती करने से उत्पादन अच्छा होता है और लौकी की गुणवत्ता बढ़ती है। इसकी खेती के लिए उचित जल धारण क्षमता वाली जैविक पदार्थों से भरपूर रेतीली दोमट मिट्टी सबसे उत्तम मानी जाती है। लौकी की विनायक वैरायटी की खेती में ऑर्गेनिक खाद का इस्तेमाल करना उचित होता है बुआई से पहले बीजों को गाय के गोबर, नीम खली, गोमूत्र के घोल में डाल कर फिर धूप में सुखाकर उपचारित करना चाहिए। बुआई के लिए प्रति एकड़ 500-600 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है। इसकी खेती में पौधों के बीच 6 फीट और मचान से मचान के बीच 8-10 फीट की दूरी रखना चाहिए। बुआई के बाद लौकी की विनायक वैरायटी की फसल करीब 65 से 70 दिनों में पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है।
उत्पादन और मुनाफा
लौकी की विनायक वैरायटी की खेती से उत्पादन और मुनाफा दोनों ही छप्परफाड़ देखने को मिलता है एक एकड़ में लौकी की विनायक वैरायटी की खेती करने से लगभग 280-300 क्विंटल तक उत्पादन मिलता है आप इसकी खेती से 1 से 2 लाख रूपए की कमाई आराम से कर सकते है। इसकी खेती में लागत भी बहुत कम आती है ये लौकी की उच्च उपज वाली हाइब्रिड किस्म है।
कितनी आएगी लागत
लौकी की विनायक वैरायटी की खेती में ज्यादा लागत नहीं आती है। एक एकड़ जमीन में लौकी की विनायक वैरायटी की खेती करने से लगभग 20 हजार रूपए की लागत आ सकती है।
- बीज का खर्चा
- खाद का खर्चा
- मचान विधि का खर्चा
- कीटनाशक का खर्चा
- मजदूरों की मजदूरी का खर्चा

नमस्ते दोस्तों, मैं नंदिनी । पिछले 2 साल से पत्रकारिता में काम कर रही हूं और अलग-अलग विषयों पर लिखना मुझे बहुत पसंद है। खासतौर पर खेती, बागवानी और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों में मेरी गहरी रुचि है। मैं हमेशा कोशिश करती हूं कि आपको सच्ची और सही जानकारी दे सकूं, ताकि आप इन विषयों को अच्छे से समझ सकें। अगर आप भी इन जरूरी और दिलचस्प बातों को जानना चाहते हैं, तो जुड़े रहें https://khetitalks.com/ के साथ। धन्यवाद