ड्रोन का इस्तेमाल करके किसान कम समय में बड़े इलाके में खाद और दवा का छिड़काव कर सकते हैं। इसीलिए सरकार किसानों को सब्सिडी दे रही है तो चलिए जानते हैं ड्रोन की मदद से खाद-दवा छिड़कने के लिए किसानों को सरकार से क्या आर्थिक मदद मिल रही है-
ड्रोन के इस्तेमाल के फायदे
ड्रोन एक कमाल का कृषि यंत्र बनता जा रहा है। ड्रोन का इस्तेमाल करके किसान कम समय में अधिक काम कर पाते हैं। उत्पादन भी अधिक मिलता है। क्योंकि समय पर खाद और दवा का छिड़काव कर लेते हैं। खेत का निरीक्षण करने के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल किया जाता है। किसानों को समय रहते ही किसी भी बीमारी आदि का पता चल जाता है।
ड्रोन का इस्तेमाल करके मजदूरी का खर्चा कम होता जा रहा है और कम पानी में खाद, कीटनाशक का छिड़काव हो जाता है। यानी कि ड्रोन के कई फायदे हैं ड्रोन से खाद कीटनाशक खेत में छिड़कने के अलावा भी कई तरह के काम किया जा सकते हैं।
ड्रोन पर सब्सिडी
कृषि ड्रोन पर किसानों को सब्सिडी भी मिल रही है। लेकिन जो किसान सब्सिडी के बाद भी ड्रोन नहीं खरीद सकते हैं उनके लिए सरकार ने किराए पर ड्रोन लेने के लिए भी सब्सिडी दे रही है। जी हां जैसा कि अगर आप किराए पर ड्रोन लेकर खेतों में दवा का छिड़काव करते हैं तो 1 एकड़ के लिए 480 रुपए देने पड़ते हैं। लेकिन सरकार 50% ड्रोन पर सब्सिडी दे रही है। जिसके बाद सिर्फ 240 रुपए में आप एक एकड़ में ड्रोन की मदद से दवा का छिड़काव कर सकते हैं।
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इन फसलों के लिए ले सकते हैं लाभ
ड्रोन का इस्तेमाल करके किसान उन फसलों में दवा का छिड़काव कर सकते हैं जिसमें हाथों की मदद से दवा छिड़कने में दिक्कत आती है। जैसे की आम, लीची के पेड़, इसके आलावा सरकार दलहन और तिलहन फसलों में भी दवा का छिड़काव करने के लिए 50% सब्सिडी दे रही है। आलू, मक्का, गेहूं में कीटों का प्रबंध करने के लिए भी ड्रोन की मदद से कीटनाशक छिड़क सकते हैं। इससे पूरे खेत में एक बराबर मात्रा में दवा का छिड़काव होगा।
सब्सिडी लेने के लिए यहां करें संपर्क
सब्सिडी पर अगर ड्रोन का किसान इस्तेमाल करने के लिए इच्छुक है तो बिहार कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर जाकर ड्रोन के द्वारा दवा छिड़कने के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने के लिए किसानों के पास अपना आधार कार्ड, फसल की जानकारी, जमीन का रकबा /रसीद होना चाहिए। इसके बाद सत्यापन होगा, जिसमें कृषि समन्वयक, पौधा संरक्षण, सहायक प्रबंधक, प्रखंड तकनीकी आदि सर्वेक्षण करेंगे। एजेंसी का चयन होगा।
फिर एजेंसी ड्रोन के द्वारा दवा का छिड़काव करेगी। इस योजना का लाभ पंजीकृत किसान उठा सकते हैं। क्योंकि पहले आओ पहले पाओ के आधार पर ही लाभ दिया जा रहा है।