सस्ता, सुंदर और टिकाऊ जुगाड़ अपना कर खेत से कोसों दूर भगाएं नीलगाय। किसान साल भर फसलों के पीछे मेहनत करते हैं और अगर ऐसे में फसलों को कोई जानवर फसल को नुकसान पहुंचाते है तब ऐसे में किसानों को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ता है। बीते कई समय से लगातार फसल में जंगली जानवरों और नीलगायों का आतंक फैला हुआ है। किसान इन जानवरों से परेशान हो चुके हैं। अब ऐसे में वह इनको भगाने के लिए कई तरह के जुगाड़ अपनाते हैं लेकिन सफल नहीं हो पाए है।
जंगली जानवर अपने पैरों से फसलों को पूरी तरह से रौंदकर बर्बाद कर देते हैं जिसकी वजह से उत्पादन तो प्रभावित होता ही होता है इससे लागत भी नहीं निकाल पाती है। आइए अब हम आपको इन्हीं जानवरों से फसलों को कैसे बचाना है इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
नीलगाय भगाने का सस्ता, सुंदर और टिकाऊ जुगाड़
आज के समय में फसलों में जंगली जानवरों का आतंक हर तरफ नजर आ रहा है। नीलगाय और जंगली जानवर फसलों में आकर फसल को रौंद देते हैं और इससे पूरी तरह फसल बर्बाद हो जाती है। अब ऐसे में किसानो को फसलों में हो रहे नुकसान के कारण उत्पादन भी अच्छा नहीं मिलता ऊपर से लागत भी निकाल पाना मुश्किल होता है।
अब ऐसे में नीलगाय को भगाने का सस्ता और सुंदर जुगाड़ है पटाखा। जी हां पटाखे की आवाज सुनकर नीलगाय डर के भाग जाती है। अगर आपको खेतों में नीलगाय नजर आती है या आसपास भी नजर आती है तो आप पटाखा जला दे इसकी आवाज सुनकर नीलगाय भाग जाएगी।
मात्र ₹50 के खर्चे में करें ये जुगाड़
आपको इस बात का खास ध्यान रखना होता है कि आप जब पटाखा जलाते हैं तब आपको ऐसे में एक ऐसा पाइप मार्केट से खरीद कर लाना होगा जो लोहे का होगा। जिसके अंदर आप पटाखा रखकर उसको जला सकेंगे। अब आप सोच रहे होंगे कि हमने इस पाइप के बारे में जिक्र क्यों किया तो आपको बता दे कि अगर आप इस पाइप में रखकर पटाखा जलाते हैं तो लोहे का पाइप होने की वजह से यह जोर से आवाज कंपन्न करेगी जिससे कि नीलगाय भाग जाएगी। इस प्रकार आप ₹50 के पाइप और ₹1 के पटाखे से नीलगाय को खेत से कोसों दूर भगा सकते हैं।
नीलगाय बनी किसानों के लिए परेशानी
जंगली जानवर और नीलगाय किसानों के लिए किसी दुश्मन से कम नहीं है। नीलगाय और जंगली जानवर किसानो की फसल को रौंदकर बुरी तरह से नुकसान पहुंचाती है। नीलगाय झुंड बनाकर खेतों में घूमती है और बहुत हद तक फसल को बर्बाद कर देती है जिसके चलते किसानों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
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