गेहूं की बुवाई के समय भूलकर भी न करें ये गलती, पौधे उगेगें कमजोर इस तरीके से करें बुआई दोगुनी होगी कमाई-उत्पादन में लग जाएंगे 4 चाँद

On: Wednesday, October 15, 2025 10:00 AM
गेहूं की बुवाई के समय भूलकर भी न करें ये गलती, पौधे उगेगें कमजोर इस तरीके से करें बुआई दोगुनी होगी कमाई-उत्पादन में लग जाएंगे 4 चाँद

गेहूं की बुवाई का समय आ चूका है कई किसान बुवाई के समय ये एक बड़ी गलती कर बैठते है जिससे गेहूं के पौधे कमजोर उगते है और उत्पादन अच्छा प्राप्त नहीं होता है तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते है गेहूं की बुवाई कैसे करना चाहिए।

गेहूं की बुवाई के समय भूलकर भी न करें ये गलती

गेहूं की बुवाई का उचित समय विशेष रूप से 15 नवंबर से 15 दिसंबर के बीच का माना जाता है बुवाई से पहले ही किसानों को हम एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात बता रहे है जिससे किसान भाई बुवाई के समय ये गलती इस भूलकर भी न दोहराए। ज्यादा तर किसान गेहूं की बुवाई सिंड्रिल मशीन से करते है इस मशीन में गेहूं का बीज और खाद दोनों को एक साथ डाल देते है गेहूं और खाद को एक साथ डालना सबसे बड़ी गलती होती है क्योंकि उर्वरक का रासायनिक प्रभाव बीज को नुकसान पहुंचाता है जिससे कई बार बीज अंकुरित ही नहीं होते या कमजोर पौधे निकलते है जिससे गेहूं की पैदावार में सीधा खराब असर पड़ता है। क्योकि कुछ जगहों पर खाद की मात्रा अधिक और कुछ जगहों पर कम रह जाती है जो उत्पादन में गिरावट लाती है और पैदावार में कमी से किसानों को आर्थिक नुकसान होता है।

इस मशीन से करें गेहूं की बुवाई

गेहूं की बुवाई किसानों को दो पेटी वाली सीड ड्रिल मशीन से करना चाहिए ये एक कुशल उपकरण है। इस मशीन की खास बात ये है की इसमें दो पेटी होती है एक पेटी में बीज और दूसरी पेटी में खाद डाली जाती है। बीज और खाद को एक साथ एक निश्चित गहराई पर बोने के लिए एक कुशल उपकरण है। ये मशीन बुवाई की प्रक्रिया को बेहतर बनाने में मदद करती है जिससे बीज और खाद की खपत कम करती है और पौधों को पर्याप्त पोषण मिलता है जिससे गेहूं का उत्पादन उच्च गुणवत्ता वाला होता है। ये मशीन ट्रैक्टर से जोड़ी जाती है और गेहूं जैसी फसलों की बुवाई के लिए इस्तेमाल की जाती हैं।  इसका इस्तेमाल करने से समय और मेहनत की भी बचत होती है। इस दो पेटी वाली सीड ड्रिल मशीन का इस्तेमाल गेहूं की बुवाई के समय जरूर करना चाहिए।

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