दोहरी कमाई के लिए पाले ये बकरी, राज्य सरकार से मिली है मान्यता, खासियत इतनी की गिनते-गिनते थक जाएंगे। जानिये इस बकरी नाम और इसके पालन से होने वाले फायदे।
दोहरी कमाई के लिए पाले ये बकरी
दोहरी कमाई देने वाली भी बकरियां होती हैं। यानी कि वह बकरी जिनका मांस और दूध दोनों बेचकर अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। लेकिन आज हम जिस बकरी की बात कर रहे हैं वह सिर्फ दोहरी कमाई के लिए नहीं बल्कि उसकी और भी कई खासियत है। जिससे उसका पालन करने से बहुत ज्यादा फायदा होने वाला है। यह बकरी अपने मालिक को मालामाल कर सकती है, और इसे राज्य सरकार द्वारा हाल ही में मान्यता भी मिली है, तो चलिए जानते हैं इस बकरी का नाम, किस राज्य सरकार द्वारा मान्यता मिली है और इसकी खासियत क्या है जिससे गिनते-गिनते थक जाएंगे।
राज्य सरकार से मिली है मान्यता
दरअसल, राजस्थान की करौली बकरी की बात कर रहे हैं। यह बकरी की नई नस्ल है जो पूर्वी राजस्थान में पाई जाती है। इसे बनाने के लिए दो क्रॉस ब्रीड का इस्तेमाल किया गया है। इस बकरी को राजस्थान सरकार द्वारा पिछले वर्ष ही मान्यता दी गई है। मिली जानकारी के अनुसार बता दे कि यह राजस्थान की पांचवी सबसे प्रसिद्ध बकरी है। चलिए अब जानते हैं इस बकरी में ऐसी क्या खासियत है, जिससे इसके पालन करने से फायदा ही फायदा होगा।
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खासियत इतनी की गिनते-गिनते थक जाएंगे
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानिये करौली गॉट की खासियत।
- करौली बकरी की खासियत की बात कर तो सबसे पहले हम बता दे कि यह बकरी दोहरी कमाई के लिए पाली जाती है। यानी कि यह रोजाना डेढ़ से 2 लीटर दूध भी देती है और इसका मांस भी डिमांड में रहता है।
- इस नस्ल की बकरी एक साल में यानी की 12 महीने में दो बच्चे देती हैं। इस बकरी के बच्चे जल्दी बीमार नहीं पड़ते, सेहतमंद रहते हैं। यानी की सेहत से जुड़ी कोई समस्या नहीं आएगी।
- करौली बकरी के बच्चे करीब 9 महीने में बिक्री के लिए तैयार हो जाते हैं।
- करौली बकरी की पहचान की बात करें तो भूरे और काले रंग में देखने को मिल जाएगी और इसकी सींघ मुड़ी हुई, नुकीली रहती है और इसके कान लंबे लटके हुए दिखाई देते हैं।
- करौली बकरी का पालन पोषण भी आसान है। आप इसे कहीं भी एक सामान्य घास खिलाकर पाल सकते हैं। यानी कि ज्यादा आपको उसके नखरे नहीं उठाने पड़ेंगे।