खरीफ फसलों की बुवाई से पहले करें मिट्टी की जांच, पैदावार होगी दोगुनी, खाद का खर्चा भी होगा कम, जाने मिट्टी का सैंपल कैसे लें

मिट्टी की जांच से पैदावार बढ़ाई जा सकती है। खेती में आने वाले खाद के खर्चे को कम किया जा सकता है। चलिए जानें किन पोषक तत्वों की फसलों की जरूरत होती है-

मिट्टी की जांच जरूरी

फसलों से अच्छा उत्पादन लेने के लिए किसान खाद का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन पैदावार बढ़ाने के लिए किसानों को मिट्टी का परीक्षण भी समय-समय पर करते रहना चाहिए। मिट्टी का परीक्षा कर लेंगे तो उन्हें पता चल जाएगा की मिट्टी में कौन से पोषक तत्व है, और किनकी कमी है। जिन पोषक तत्वों की कमी होगी अगर वह खाद किसान डालेंगे तो पैदावार अधिक मिलेगी। अगर मिट्टी में कोई पोषक तत्व पहले से अधिक है और किसान उससे जुड़ी खाद ऊपर से और डाल देते हैं तो इसकी अधिकता हो जाएगी और ऐसे की भी बर्बादी होगी।

इसलिए मिट्टी का परीक्षण किसानों को करवा लेना चाहिए। इससे पता चल जाएगा की मिट्टी में किन पोषक तत्वों की कमी है, और किनकी अधिकता। इससे मिट्टी का पीएच मान भी पता चल जाएगा। जिससे किसान चूना और जिप्सम का इस्तेमाल करना है या नहीं यह भी जान सकेंगे। तो चलिए आपको बताते हैं फसलों को किन पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है और मिट्टी का परीक्षण करने के लिए सैंपल कहां से लेना है।

फसलों के लिए आवश्यक पोषक तत्व

फसल का विकास अच्छे से हो, उत्पादन अधिक मिले इसके लिए फसलों को पूरे पोषक तत्व देने होते हैं। आपको बता दे कि किसी भी फसल को 17 पोषक तत्व की जरूरत पड़ती है। जिसमें से कार्बन, ऑक्सीजन और हाइड्रोजन एक पौधे में सबसे ज्यादा पाया जाता है, जिनकी पूर्ति हवा और पानी से ही हो जाती है। लेकिन अन्य पोषक तत्व मिट्टी से वह लेते हैं। इसलिए मिट्टी का उपजाऊ होना जरूरी होता है। अगर किसानों को पता होगा की मिट्टी में किन पोषक तत्व की कमी है और वही खाद डालेंगे तो फसल अच्छी होगी।

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खेत में किस जगह से सैंपल लेना चाहिए

अगर आप मिट्टी का परीक्षण करवाना चाहते हैं तो बता दे की मिट्टी का जो सैंपल लेना है उसको भी बहुत ही सावधानीपूर्वक लेना है। जिसमें कहा जाता है कि जहां पर सिंचाई की नाली है, कुआं या खाद आसपास है, पेड़ का नीचे की मिट्टी है, या मेड है तो उस जगह की मिट्टी को नहीं लेना चाहिए।

जहां पर फसल लगाते हैं, वहां पर की मिट्टी लेनी है। उसमें भी आपको फसल के अनुसार मिट्टी लेनी है। जैसे कि अगर आप फलदार पेड़ों की खेती करते हैं बागवानी करते हैं तो 1 मीटर गहराई से मिट्टी का सैंपल लेना है। अगर दलहन, तिलहन, अनाज, रेशों, फल आदि की फसलों की खेती करते हैं तो 15 सेंटीमीटर की गहराई से मिट्टी को लेना है। इस तरह जो फसल लगाते हैं उसके अनुसार मिट्टी का परीक्षण किया जाता है। इस तरह किसान खरीफ फसलों की बुवाई से पहले मिट्टी की जांच करा लेंगे तो बेहतर होगा।

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