गेहूं की खेती बहुत लाभकारी मानी जाती है किसान इसकी फसल में बंपर उत्पादन लेने के लिए खूब मेहनत करते है लेकिन एक छोटी से गलती उत्पादन में भारी गिरावट ला सकती है तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते है कौन सी गलती है।
भूलकर भी गेहूं की फसल में न करें ये गलती
Agricultural Tips– सर्दियों के मौसम में की जाने वाली गेहूं की खेती में खरपतवार तेजी से बढ़ता है खरपतवार नियंत्रण के लिए किसान कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल करते है। खरपतवार नियंत्रण करने के लिए कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल सही समय में करना ही लाभकारी साबित होता है लेकिन कई बार सही समय और मात्रा में लापरवाही करने की वजह से गेहूं का पौधा बांझ भी हो सकता है यानी उसमें बाली तो आती है लेकिन दाना नहीं बन पाता है जिससे उत्पादन में बहुत तेजी से भारी गिरावट आ सकती है। तो चलिए जानते है गेहूं की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए कब और कैसे कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल करना चाहिए।

गेहूं की खेती में खरपतवार नियंत्रण का समय
गेहूं की फ़सल में खरपतवार नियंत्रण के लिए दवा का छिड़काव बुआई के 35 से 40 दिनों के बीच करना चाहिए। ज़्यादा देरी करने पर गेहूं की फ़सल के उत्पादन पर बुरा असर पड़ सकता है 45-50 दिन के बाद खरपतवार नाशक दवाओं का इस्तेमाल करने से गेहूं के पौधे से बालियां टेढ़ी मेढी अजीब तरह से निकलने की बीमारी हो सकती है या फिर बाली तो निकलेगी लेकिन उसमे दाना नहीं बनेगा। गेहूं का पौधा अधिक खरपतवार नाशक दवा के असर को झेल तो लेता है लेकिन गेहूं के दाने सही से विकसित नहीं हो पाते है इसलिए खरपतवार नाशक दवा का छिड़काव बुआई के 35 से 40 दिनों के बीच में ही करना चाहिए। जिससे उत्पादन में कुछ असर नहीं पड़ता है।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।