धनिया की खेती (Dhaniya ki kheti) से किसान कम लागत में अधिक मुनाफा थोड़ी-सी जगह से कमा सकते है, चलिए जानते है धनिया की खेती का समय-
धनिया की खेती
धनिया की खुशबू और स्वाद सभी के मन को भाता है। इसीलिए इसका प्रयोग सभी सब्जियों के साथ किया जाता है। यदि आप एक किसान हैं तो धनिया की खेती आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। क्योंकि इसकी फसल बहुत काम समय में तैयार हो जाती है और आप इसकी कटाई भी 2 से 3 बार तक कर सकते हैं। हरा धनिया 5-7 क्विंटल प्रति एकड़ में उत्पादन देता है। इसकी मांग बाजार में पूरे साल बनी रहती है। आज हम आपको देंगे धनिया की खेती से जुडी सारी जानकारी, जो आपके लिए उपयोगी हो सकती है। आइये जानते हैं धनिया की खेती के बारे में।
धनिया की फसल देगी बढ़िया मुनाफा
हरा धनिया एक ऐसी फसल है जिसकी खेती सालभर की जा सकती है, लेकिन धनिया की बुआई के लिए अक्टूबर से दिसंबर तक का महीना सबसे अच्छा होता है, इसकी फसल तैयार होने के लिए 40 से 50 दिनों का समय लगता है और यदि हाइब्रिड और किस्म लगाई जाए, तो उसकी कटाई 2-3 बार तक की जा सकती है। यह कम लागत और कम समय में तैयार होने वाली फसल है और सभी सब्जियों के साथ उपयोग में आने के कारण बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है। यानि, धनिया की खेती आपको अच्छा मुनाफा दे सकती है।
कौन-सी मिट्टी में होगी ज्यादा पैदावार?
धनिया को लगभग हर प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है, लेकिन अच्छे निकास वाली दोमट मिट्टी इसकी वृद्धि के लिए उपयुक्त मानी जाती है। जिसका पीएच 8-10 के बीच होना चाहिए। मिट्टी में पानी निकलने का स्त्रोत अच्छा होगा तो फसल बढ़िया पैदावार देगी।
इसकी बिजाई करने से पहले जमीन की 2-3 बार हल से अच्छी तरह जुताई करें। इसके बाद सुहागे की मदद से जमीन को समतल कर 40 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से रूड़ी की खाद मिलानी चाहिए।

धनिया की प्रसिद्ध किस्में
- नामधारी सुरभि : इसके पौधों की ऊंचाई 20-25 सेंटीमीटर तक होती है, पत्तियों का रंग गहरा हरा होता है और यह मल्टीकट टाइप होती है। यानि आप इसकी कटाई 3 से 4 बार तक कर सकते हैं। इसे तैयार होने में 35 से 40 दिनों का समय लगता है। इसकी कीमत 150 प्रति 500 ग्राम है।
- एवरग्रीन : नाथ सीड्स का एवरग्रीन बीज भी अच्छी उपज देने वाला बीज है। इसके पत्ते चौड़े, सुगन्धित और चमकदार गहरे हरे रंग के होते हैं। यह वैरायटी उच्च तापमान को आसानी से झेल सकती है एवं आप इसकी कटाई 4 से 6 बार कर सकते हैं। इसके 500 ग्राम बीज की कीमत 180-200 के बीच है।
- नूतन : अंकुर सीड्स की नूतन की पत्तियां चौड़ी, गहरे हरे रंग और अच्छी सुगंध वाली होती हैं। पौधों की ऊंचाई 30-45 सेंटीमीटर होती है। आप इसकी कटाई 3 से 5 बार तक कर सकते हैं और 8 से 10 दिन के अंतराल पर ही कर सकते हैं। इसकी सबसे खास यह है कि किसी भी मौसम में इसकी अंकुरण की दर सबसे अधिक है। इसके 500 ग्राम बीज बाजार में 170 रुपए तक मिलते हैं।
- रॉयल ब्लिस (इम्पोर्टेड): आर के सीड्स की धनिया की यह 3-4 बार कटाई वाली वैरायटी इम्पोर्टेड है और साल में किसी भी वक्त बोने के लिए प्रसिद्ध है। इसकी पत्तियां चौड़ी एवं अच्छी सुगंध देने वाली होती हैं। पौधा छोटा ही होता है जिसकी ऊंचाई 25 से 30 सेंटीमीटर तक होती है। इसे 12 से 15 किलो बीज प्रति एकड़ के हिसाब से बोया जा सकता है। इस बीज की बाजार में कीमत 400 रुपए किलो है।
- यह सभी धनिया की हाइब्रिड वैरायटी हैं और सभी अच्छा उत्पादन देने वाली है। ध्यान रखने योग्य बात यह है कि बड़े पैमाने पर बुआई से पहले आप घर पर इसका ट्रायल कर सकते हैं। बीजों की कीमत में कुछ अंतर हो सकता है।
- यदि हम धनिया किस्मों की बात करें, तो गौरी, RCR -684, कास्ति, सीएस 6, JD -1, जलगांव धना, हिसार सुगंध, व्ही-1, व्ही-2 आदि किस्मों को लगा सकते हैं।
अच्छा बीज उपचार और सिंचाई है आवश्यक
धनिया के बीजों को बोने से पहले बाविस्टिन-2 ग्राम + टाटा मिड-1 मिली प्रति किलोग्राम बीज के साथ उपचार करें। उसके बाद बुआई करें और ध्यान रखें कि धनिया की उचित समय पर सिंचाई बहुत जरुरी होती है। सबसे पहले बुआई के बाद, हल्की सिंचाई करें ताकि बीजों का अंकुरण हो सके। उसके बाद मिट्टी में नमी बनाये रखें, खासकर गर्मियों के समय।
धनिया में कैसे करें खरपतवार और कीट नियंत्रण?
खरपतवार नियंत्रण सबसे पहले बुआई के तुरंत बाद सूखी जमीन में ही पेन्डामेथिलीन 700 मिली प्रति एकड़ में छिड़काव करें और बीज बुआई के तुरंत पानी देने के बाद जमीन में पेन्डामेथिलीन 1 लीटर साथ में ऑक्सीफ्लोरोफेन 60-80 मिली प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।
धनिया में कई तरह के कीट और रोग भी लग सकते हैं जिनके रोकथाम के लिए आप नीचे लिखी जानकारी का उपयोग कर सकते हैं-
- -एफिड्स को रोकने के लिए इमिडाक्लोप्रिड 10 मिली या थियोमेथोक्सम 10 ग्राम 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
- -पाउडरी मिल्ड्यू के निराकरण में टेबुकोनाजोल + ट्राइफ्लोक्सीस्ट्रोबिन 10 ग्राम या माइक्लोबुटानिल 10 ग्राम को 15 लीटर पानी के साथ खेत में छिड़काव उपयोगी होगा।
- -उकठा रोग को मिटाने के लिए मैनकोजेब + मेटलैक्सिल डब्ल्यूबी (टाटा मास्टर) 500 ग्राम को 200 लीटर ड्रेचिंग या पानी के साथ मिलाकर छिड़क सकते हैं।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।