पानी की है कमी ? तो धान की ये किस्मे लगाएं, सूखे इलाकों के लिए है बेस्ट, जानिये कम पानी में अधिक उपज देने वाली धान

पानी की है कमी ? तो धान की ये किस्मे लगाएं, सूखे इलाकों के लिए है बेस्ट, जानिये कम पानी में अधिक उपज देने वाली धान। जिससे सूखे क्षेत्र में रहने वाले किसानों को न हो नुकसान।

धान की खेती

देश में ज्यादातर स्थानों में परंपरागत खेती, धान की खेती की जा रही है। लेकिन धीरे-धीरे पानी की कमी होती जा रही है ऐसे में वह किसान जिनके यहां सूखे की समस्या आती है, पानी की कमी होती है, वह धान की खेती में देरी कर देते हैं। जब बारिश होती है तब वह धान की खेती करते हैं। इसीलिए आज हम जानेंगे कि धान की वह कौन-सी किस्में जिन्हे किसान कम पानी में भी लगा सकते हैं।

क्योकि धान की ये किस्में कम पानी में भी बढ़िया उत्पादन देती है। क्योंकि इन्हें ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है। हां धान की खेती के लिए पानी की जरूरत होती है लेकिन इन किस्मों को किसान कम पानी में भी लगाकर बढ़िया उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं, तो चलिए आज हम धान के पांच बौनी किस्मों के बारे में जानेंगे। जिन्हें सूखाग्रस्त इलाकों में भी लगाया जा सकता है।

पानी की है कमी ? तो धान की ये किस्मे लगाएं, सूखे इलाकों के लिए है बेस्ट, जानिये कम पानी में अधिक उपज देने वाली धान

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कम पानी में लगने वाली धान की वैरायटी

नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानिये धान की 5 बौनी किस्मों के बारें में।

  • अगर किसान किसी ऐसी फसल की खेती करना चाहते है जो कम पानी में 25 से 32 क्विंटल तक उत्पादन दें तो यह किस्म लगा सकते है। यह पूसा बासमती-1509 का नवीनतम संस्करण है। इसमें किसानों को ज्यादा खर्चा नहीं आएगा, क्योकि यह झुलसा के साथ झौंका की भी रोग प्रतिरोधी है। यही वजह है कि इसकी डिमांड बढ़ रही है।
  • पानी की कमी वाले क्षेत्रो में PB 1509 किस्म लगा सकते है। यह धान अधिक उपज देती है। साथ ही बौनी भी है, और इसकी क्वालिटी बढ़िया है। इस लिए यह धान भी बेहतरीन है।
  • इसके आलावा एक और शानदार धान की वेरायटी है, जिसका नाम पूसा बासमती PB-1886 है। इस धान को तैयार होने में 150 से 155 दिन लगता है। यह धान भी झुलसा और झौंका रोग के प्रतिरोधी है। इसे हरियाणा और उत्तराखंड ज्यादातर लगाया जाता है। किसान जुलाई महीने में इसकी बुवाई कर सकते है। यह किस्म अगर एक हेक्टेयर में खेती कर रहे तो करीब 50 क्विंटल पैदावार मिलेगी। इस तरह इसमें भी अधिक उत्पादन मिल रहा है।
  • यहाँ पर पूसा बासमती PB 1728 धान की भी जानकारी दी गई है। जिसमें बताया गया है कि यह बैक्टीरियल ब्लाइट बीमारी लड़ जाती है। इसे ज्यादातर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, के साथ-साथ पश्चिमी उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में लगाया जाता है। अगर किसान भाई एक एकड़ में खेती करते है तो करीब पांच किलो बीज लगेगा। इस तरह यह भी एक अच्छा ऑप्शन है।
  • अगर किसान अधिक उपज प्राप्त करना चाहते है तो पूसा बासमती PB-1401 लगा सकते है। क्योकि इससे 40 से 50 क्विंटल तक की उपज मिलती है। यह धान की बौनी वैरायटी है। इसे तैयार होने में 135 से 140 दिन लगता है। अगर किसान देरी से खेती कर रहे है तो यह किस्म बढ़िया है। इसे पूरी जुलाई में लगा सकते है।

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नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद