धान की फसल को तना छेदक और गंधी बग जैसे कीटों से बचाने के लिए जानें 3 उपाय, धान की तगड़ी पैदावार से किसान होंगे धनी।
धान में तना छेदक और गंधी बग कीटों से नुकसान
धान की फसल में किसान को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिसमें से एक है धान की फसल को कीट और बीमारी से बचाना। अगर किसान समय पर इसके लिए कदम नहीं उठाते है तो पैदावार कम हो सकती है, जिससे नुकसान होगा। जी हाँ आपको बता दे कि फसल में छेदक कीट लगने से तनों में छेद करते है जिससे पौधे कमजोर हो जाते है। फिर गिरने लगते है।
वहीं गंधी बग कीट भी बहुत खतरनाक होते है बता दे कि बीजों और फूलों को हानि पहुंचाते है जिससे उत्पादन कम होता है। जिससे किसानों को घाटा होता है। इसके आलावा ग्रोथ में रूकावट आती है, क्योकि पत्ता लपेटक कीट पत्तियों को मोड़ देते है और उनके क्लोरोफिल को खत्म कर देते है। तब चलिए इनसे फसल को बचाने के लिए तीन प्राकृतिक तरीका जानते है जिसमें फसलों को नुकसान नहीं बल्कि फायदा ही फायदा होगा।
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इन 3 उपायों से धान की फसल को कीटों से बचाएं
नीचे लिखे तीन बिंदुओं के अनुसार जानिये धान की फसल को कीटों से किन-किन तरीकों से बचाया जा सकता है।
- किसान धान की फसल को कीटों से बिना किसी केमिकल वाले कीटनाशक के भी बचा सकते है। जिसमें से एक तरीका तो यह है कि नीम तेल का इस्तेमाल। जी हाँ नीम तेल फसल को रोग और कीट (तना छेदक, गंधी बग कीट) दोनों से बचाएगा। जिसके लिए करीब 5% नीम 7 दिन में एक बार फसलों में छिड़कने से फायदा मिलेगा। नीम तेल आपको आसानी से मिल भी जाएगा।
- यहाँ पर एक और सरल, फ्री का उपाय है कि फसलों में गोबर का घोल डाल दीजिये। जिससे कीट की समस्या नहीं आएगी और फसल को गोबर से कुछ होगा भी नहीं। बल्कि यह खाद का काम करता है। गोबर घोल के जगह पर वर्मीवॉश का भी इस्तेमाल कर सकते है। यह भी एक अच्छा उपाय है।
- एक और उपाय है जिससे आप फसल को कीटों से बचा सकते है। जिसमें अप्पको घास का इस्तेमाल करना है। घास आसानी से किसान को मिल जायेगी। जिसमें करना क्या है कि घास को फसल के चारो तरफ परत में बिछाना है और जिससे कीड़े नहीं जायेंगे और जड़ों को कोई नुकसान नहीं होगा। इस तरह घास की मल्चिंग किसानों के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद है। इसका इस्तेमाल आजकल किसान सब्जियों की खेती में भी करते है।