धान की खेती छोड़ लगाई ये नगदी फसल, कृषि विभाग ने बताया अधिक उत्पादन लेने का तरीका, ताबड़तोड़ हो रही कमाई, जानिए कैसे।
किसान की सफलता की कहानी
नमस्कार किसान भाइयों आज हम इस लेख में एक ऐसे किसान की सफलता की कहानी लेकर आए हैं जो कि पहले पारंपरिक खेती जैसे कि धान-गेंहू जैसी फसलों की खेती करते थे। लेकिन अब नगदी फसल की खेती करके उतनी ही जमीन से लाखों का मुनाफा ले रहे हैं और अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार करके बेहद खुश है। दरअसल हम बात कर रहे हैं कुसमी विकासखंड के रहने वाले किसान सुखाराम की जो की एक युवा किसान है, पढ़े लिखे होने के बावजूद नौकरी नहीं मिली थी। जिसकी वजह से उन्होंने अपनी पुस्तैनी जमीन में नए तरीके से खेती की।
जिसके लिए उन्होंने पहले कृषि विभाग से संपर्क किया और उन्होंने सही राह दिखाई। तो चलिए आपको बताते कृषि विभाग ने उन्हें क्या सलाह दी, कितनी जमीन में खेती करते हैं, कौन सी फसल लगाते हैं, कितना उत्पादन मिलता है, खर्चा कितना आता है।
कृषि विभाग ने दी सलाह
खेती में किसानों को मुनाफा है लेकिन उसके लिए भी उन्हें कृषि विशेषज्ञों से संपर्क करना चाहिए। वह उन्हें बताते हैं कि कम जमीन से ज्यादा कमाई करने के लिए कौन सी फसले लगानी चाहिए। जिसमें सुखाराम ने भी अपने उद्यान विभाग से संपर्क किया और उन्होंने राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना से जुड़ने के लिए उनको सलाह दी। साथ ही उन्होंने बताया कि वह खीरा और टमाटर की खेती करें। इसके अलावा उन्होंने खेती के तरीके को बदलने के लिए कहा कहा कि पहले मिट्टी को बढ़िया से पलटे, सिंचाई में स्प्रिंकलर पद्धति को अपनाएं, जिससे कम पानी में खेती होगी और उचित मात्रा में फसलों को पानी मिलेगा।
इसके अलावा मजदूरी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए मल्चिंग का इस्तेमाल करें। इससे उत्पादन ज्यादा होगा। चलिए जानते हैं वह कितने एकड़ में खेती करके कितना मुनाफा ले रहे हैं।
खेती में लागत और मुनाफा
किसान सुखाराम पहले धान गेहूं की खेती करते थे उसमें लागत भी कम आती थी मुनाफा भी कम होता था। लेकिन अब वह खीरा और टमाटर की खेती करते हैं जिसमें मुनाफा कई गुना ज्यादा होता है। जिसमें सुखाराम जी 2 एकड़ की जमीन में खीरा की खेती करते हैं और एक एकड़ की जमीन में उन्होंने टमाटर लगाया हुआ है। खेती का तरीका तो हमने ऊपर पहले ही जान लिया है। जिसमें लागत वह बताते हैं कि दोनों फसलों में करीब 85 हजार का खर्चा आता है।
लेकिन कमाई खर्चा हटाने के बाद भी 2.5 लाख तक हो जाती है। यानी की शुद्ध मुनाफा ढाई लाख का उन्हें होता है। जबकि पहले से बेहद कम मुनाफा होता था और आने वाले समय में जैसे उत्पादन ज्यादा लेते जाएंगे अधिक कमाई भी होगी।