धान की बुवाई से पहले करें 20 से 50 रुपए का ये काम, न बीज खराब होंगे न कीट लगेंगे, हजारों रुपए का खर्च बचेगा

धान की बुवाई से पहले करें 20 से 50 रुपए का ये काम, न बीज खराब होंगे न कीट लगेंगे, हजारों रुपए का खर्च बचेगा। जानिये किसानों के लिए बड़ी महत्वपूर्ण जानकारी।

धान की बुवाई से पहले करें ये काम

धान की खेती में किसान जुटे हुए हैं। इसीलिए आज हम इससे जुड़ी महत्वपूर्ण खबर लेकर आए हैं। जो आपको बाद में आने वाले खर्चे से बचा सकती है। क्योंकि अगर बाद में बीज खराब होने फसलों में कीट आदि लगने कि जो समस्या आती है उससे बचने के लिए किसानों को फिर से बुवाई या फिर कीटनाशक आदि का छिड़काव करना पड़ता है। जिसमें हजारों रुपए का खर्चा बैठ जाता है।

लेकिन अगर आप अभी अपने बीज के साथ एक काम कर देते हैं तो यह सारा पैसा बच जाएगा और आपको इससे कई फायदे भी होंगे। दरअसल, हम बीच के टीकाकरण की बात कर रहे हैं। यानी की बीज के इलाज के तो चलिए जानते हैं बीज का टीकाकरण, इलाज करने से क्या फायदे होते हैं। उसके बाद हम यह जानेंगे की बीज उपचार करने में कौन-सी दवाइयो का इस्तेमाल कर सकते हैं, और बीज उपचार करने का तरीका क्या है।

बीज उपचार करने के फायदे

बीज का उपचार अगर किसान कर देते हैं तो इससे उन्हें कई सारे फायदे होते हैं। आपको बता दे की बीज का उपचार करने से किसानों का खेती में खर्च कम हो जाता है। मेहनत भी कम लगती है, और जो बाद में समय जाया होता है वह भी बच जाता है। यानी कि यहां पर फायदा ही फायदा है। इसलिए धान की बुवाई के समय अगर वह बीज का उपचार कर देते हैं तो बाद में बीज खराब नहीं होगा।

जिससे फसल बढ़िया होगी। वही फसलों में जो फफूंद आदि की समस्या आती है रोग लग जाते हैं उससे भी उन्हें बचाया जा सकता है। जिसमें कृषि विभाग अधिकारियों का कहना है कि अगर किसान अभी फंफूद से होने वाले रोगों को रोकना चाहते हैं तो दवाई छिड़क सकते हैं। इससे कीट लगने की समस्या ही समाप्त हो जाएगी।

धान की बुवाई से पहले करें 20 से 50 रुपए का ये काम, न बीज खराब होंगे न कीट लगेंगे, हजारों रुपए का खर्च बचेगा

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बीज उपचार करने की दवाइयां

बीजों का उपचार करने के लिए बाजार में दवाइयों की भरमार है। जिनकी कीमत ₹20 से लेकर ₹50 तक रहती है। जिसमें अगर आप बीज को फफूंद से होने वाले रोगों से बचाना चाहते हैं तो करबेंडा जिम का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा और भी इससे जुड़ी दवाइयां आती है। अगर इसका इस्तेमाल कर रहे हैं तो किसान 1 किलो पानी में दो ग्राम डाल सकते हैं। चलिए जानते हैं बीज उपचार कैसे किया जाता है कौन-कौन सी विधियां है।

कैसे करें बीज उपचार

बीज का उपचार किसान अपने-अपनी सहूलियत के हिसाब से करते हैं। यानी की बीज उपचार की कई विधियां है। आपको जो पसंद आए जो आपके पास साधन हो उसके हिसाब से आप बीज उपचार कर सकते हैं। जिसमे बीज उपचार करने की एक ड्रम विधि आती है, घड़ा विधि आती है और पन्नी का इस्तेमाल करके भी बीज उपचार किया जाता है।

तो अगर आप पन्नी का इस्तेमाल करके बीज का उपचार करना चाहते हैं तो बढ़िया से पन्नी को बिछा लें, उसके बाद उसके ऊपर बीज रख कर दवाई छिड़क दे और अच्छे से दवाई और बीज को मिला दे। इसके बाद आप खेतों में बीज बो सकते हैं। लेकिन यहां पर आपको ध्यान रखना है कि बढ़िया से एक-एक बीच में दवाई लग जानी चाहिए। तभी आप पौधों को रोगों से बचा सकते हैं, और बीज खराब होने से भी बचा सकते हैं।

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नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद