खेत में खरपतवार की समस्या बहुत ज्यादा आती है तो ऐसे में खरपतवार नाशक छिड़कने की जरूरत नहीं है, न ही उसे उखाड़ने के लिए मजदूर लगाने पड़ेंगे। चलिए, एक घरेलू उपाय बताते हैं, जिससे वह खरपतवार खाद में बदल जाएगी।
खरपतवार की समस्या
खरपतवार की समस्या हर किसान को बहुत ज्यादा होती है। खरपतवार मुख्य फसल को दबाने का काम करती है, उत्पादन घटाती है, रोग और बीमारियां फैलाती है तथा मिट्टी को भी नुकसान पहुंचाती है। इसलिए किसान को बार-बार खरपतवार निकालना पड़ता है, जिसमें मजदूरी का खर्च आता है। वहीं, अगर रासायनिक खरपतवार नाशक दवा छिड़कते हैं तो फसल पर इसका प्रभाव पड़ता है और मिट्टी को भी नुकसान होता है।
तो चलिए, आपको एक घरेलू उपाय बताते हैं, जिसमें घर पर दवा बनाकर खरपतवार को खाद के रूप में बदला जा सकता है। इससे अधिक खर्च भी नहीं आएगा और फसल या मिट्टी को कोई नुकसान भी नहीं होगा।
घर पर बनी जैविक दवा
खरपतवार को गलाने के लिए यहां एक जैविक विधि बताई जा रही है, जिसमें बहुत कम खर्च आता है। इस दवा को बनाने के लिए अच्छा पानी और डीकंपोज की जरूरत पड़ेगी। डीकंपोज 10 से 20 रुपये में मिल जाता है। मात्रा की बात करें तो 200 लीटर पानी में 2 किलो गुड़ और डीकंपोज मिलाना है और इसे खरपतवार के ऊपर छिड़क देना है।
इससे वह धीरे-धीरे खाद में बदल जाएगी और मिट्टी को उपजाऊ बनाएगी। एक एकड़ जमीन के लिए लगभग 180 लीटर घोल की जरूरत पड़ती है। इसे आप बगीचे में भी छिड़क सकते हैं, जिससे खरपतवार खत्म होगी। इसका मुख्य फसल पर किसी तरह का नकारात्मक प्रभाव नहीं होगा। इसे बनाना और इस्तेमाल करना भी आसान है।
डीकंपोज का इस्तेमाल
डीकंपोज का इस्तेमाल फसल अवशेष प्रबंधन के लिए भी किया जाता है, जिसमें ‘पूसा डीकंपोजर’ जैसे उत्पादों का उपयोग होता है। फसल के कचरे से जैविक खाद बनाई जाती है। अगर रसोई घर से बहुत ज्यादा गीला कचरा निकलता है या फिर आप पशुपालक हैं, तो किचन वेस्ट, जानवरों का गोबर इत्यादि इकट्ठा करके डीकंपोज के जरिए जैविक खाद बना सकते हैं।
डीकंपोज मिट्टी में सूक्ष्म जीवों की संख्या बढ़ाने में मदद करता है। इसका इस्तेमाल किसी भी चीज को विघटित करने यानी छोटे-छोटे टुकड़ों में बदलने और सड़ाने के लिए किया जाता है।