इस लेख में आपको फसलों को कीटों से बचाने का ₹60 का सस्ता देसी जुगाड़ बताने जा रहे हैं जिससे पैदावार घटने से बचा सकते हैं-
फसलों में कीटों का प्रकोप
सरसों की खेती करने वाले किसानों को इस समय कीटों की समस्या आ रही है। यह एक आम समस्या है जो कि हमेशा सरसों के फूलों के आसपास देखी जाती है। सरसों के फूलों के आसपास कोई भी पीले रंग की चीज में यह कीट चिपकने लगते हैं। लेकिन यह एक बड़ी समस्या है। इससे कृषि विशेषज्ञ कहते हैं कि 30 से 40% तक उत्पादन घट सकता है। क्योंकि यह कीट नुकसान पहुंचाने वाले होते हैं। लेकिन इनके से किसान अपनी फसल को बचा सकते हैं, जिसमें डीएपी की बोरी काम आने वाली है तो चलिए जानते हैं डीएपी की बोरी का इस्तेमाल।
DAP की बोरी कीटों से दिलाएगी छुटकारा
DAP की बोरी कई जुगाड़ है जो कि हम आपको समय-समय पर बताते रहते हैं। क्योंकि डीएपी खाद ज्यादातर किसान इस्तेमाल करते हैं। लेकिन उसकी बोरी भी अब आपके काम आएगी। यानी की खाद और बोरी का पैसा वसूल जुगाड़ है। इस जुगाड़ को बनाने के लिए डीएपी की बोरी लेनी है और उसके दोनों हिस्सों में ग्रीस लगाना है। जी हां करीब 200 ग्राम ग्रीस लगाना है। यह वही ग्रीस है जिसका इस्तेमाल किसान ट्रैक्टर जैसे अन्य कृषि यंत्र में करते हैं।
बोरी में ग्रीस लगाने के बाद उसे खेतों में लकड़ी के डंडे के माध्यम से टांग देना है। इस ग्रीस में कीट जो की सरसों की फसल को नुकसान पहुंचाते हैं चिपक जाएंगे। जिससे वह खत्म हो जाते हैं। समय-समय पर किसान खेत का निरीक्षण करें और वापस से ग्रीस लगा सकते हैं और चिपके कीटों को हटा सकते हैं। जिससे नए कीट भी चिपक जाएंगे। इस तरह से खेत के हर कोने में यह जुगाड़ लगा दे। ग्रीस का यह जुगाड़ ₹60 से कम खर्चे में तैयार हो जाएगा और फसलों को किसान कीटों से बचा सकते हैं। चलिए आपको बताते हैं कि आखिर हमने यहां पर डीएपी की बोरी का ही चुनाव क्यों किया।
पीला रंग कीटो को करता है आकर्षित
जैसा कि हमने पहले भी जाना कि पीला रंग कीटों को आकर्षित करता है सरसों की फसल के अलावा वहां आसपास अन्य कोई भी पीला रंग दिखाई पड़ता है तो कीट उसमें चिपकने लगते हैं। इसी तरह से डीएपी की बोरी भी पीले रंग की होती है, जिसकी वजह से कीट उसकी तरफ आकर्षित होते हैं और उसमें लगे ग्रेस में चिपक जाते हैं।