गेहूं की खेती करने वाले किसान बढ़ती गर्मी के साथ परेशान होने वाले हैं। क्योंकि फसल में कई तरह की समस्याएं देखने को मिल सकती हैं, चलिए इनके बारे में जानते हैं-
बढ़ता तापमान किसानों के लिए चिंता का विषय
अधिकतर किसानों ने गेहूं की फसल लगा रखी है। जिसमें अधिक पैदावार गेहूं की मिलेगी और अनाज की गुणवत्ता बढ़िया होगी, तभी किसानों को फायदा होगा। जिसके लिए वह लगातार मेहनत कर रहे हैं। बढ़िया से बुवाई की है, समय पर पानी और खाद भी दे रहे हैं। लेकिन मौसम की मार के आगे किसान की हर तैयारी पीछे हो जाती है। इस साल गर्मी भयंकर फरवरी से ही पड़ने लगी हैं। तेज धूप निकलती है।
जिससे यह अनुमान है कि आने वाले समय में इस साल और ज्यादा गर्मी पड़ने वाली है, जो कि गेहूं के किसानों के लिए चिंता का विषय बन गया है। तो चलिए इस लेख में जानते हैं कि तापमान बढ़ने से गेहूं की फसल को कौन-कौन से नुकसान हो सकते हैं।
बढ़ते तापमान से गेहूं की फसल को नुकसान
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानिए तापमान बढ़ेगा तो गेहूं की फसल में कौन-कौन से नुकसान हो सकते हैं-
- अगर बहुत ज्यादा तेज धूप निकलती है तो पौधे की जड़ भी प्रभावित होगी। जड़ों का विकास रुकेगा, जिससे पौधे का विकास भी रुक जाएगा। क्योंकि जड़ का विकास रुकने से पौधे को कम पानी और कम पोषक तत्व मिलेंगे।
- बढ़ता तापमान गेहूं की फसल में फूल आने और परगन होने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है। जिससे किसानों को नुकसान हो सकता है। क्योंकि ऐसा होने से दाने कम होते हैं जिससे उत्पादन भी घट जाता है।
- इतना ही नहीं तापमान बढ़ने से दानों की गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है। आकर भी छोटा होता है। जिससे उसकी अच्छी कीमत भी किसानों को नहीं मिलती।
- अगर तापमान जल्दी बढ़ जाएगा तो फसल भी समय से पहले पक जाएगी। जिससे बीजों का विकास अच्छे से नहीं हो पाता है, बीज छोटे ही रह जाते हैं।
- अधिक तापमान होने से गेहूं के दानों में स्टार्च और प्रोटीन की मात्रा भी घट जाती है।
- तापमान बढ़ने से फंगस और बैक्टीरिया की समस्या भी आ सकती है। जिससे किसानों को सावधान रहना चाहिए।
- इस साल तापमान तेजी से बढ़ने की वजह से फसल की लंबाई भी कम हो सकती है। जिससे भी किसानों को घाटा हो सकता है।

बढ़ते तापमान से फसल कैसे बचाएं
गर्मी में गेहूं की फसल को बचाने के लिए किसान सिंचाई का ध्यान रखें। समय पर सिंचाई करें। इसके अलावा पोटेशियम का छिड़काव और फंगीसाइड का छिड़काव, निरीक्षण करने के बाद करें। अगर समस्या बहुत ज्यादा आती है तब। सिंचाई समय-समय पर करते रहेंगे तो तापमान को नियंत्रित कर सकते हैं। लेकिन तेज हवाएं चलने पर सिंचाई बहुत अधिक नहीं करनी चाहिए। अगर किसानों के क्षेत्र में बहुत ज्यादा तापमान है तो जैविक मल्च का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे मिट्टी में नमी बनी रहेगी।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।