दलहन की रानी की खेती रातों-रात बदल देगी किस्मत, घर में कभी नहीं होगी पैसों की कमी, जानिए कैसे करें दलहन की रानी की खेती।
दलहन की रानी
आज हम दलहन की रानी की खेती के बारे में बात करेगे। इनकी फलियों से दाने निकालने के बाद पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। जी, हाँ मटर की बात हो रही है। जिसकी सब्जी सबको पसंद होती है। मटर के दाने से दाल, बेसन बनाया जाता है। मटर एक रबी की फसल है मटर की खेती ठंडी जलवायु में की जाती है। मटर की खेती कई राज्यों में की जाती है।
कब करे मटर की खेती
मटर की बुआई अक्टूबर-नवंबर में की जाती है। मटर की खेती काली मिट्टी, दोमट मिट्टी में की जाती है। सबसे पहले मटर के खेत को हल या ट्रैक्टर से जोत लें। मटर के खेत में सड़ी हुई गोबर की खाद डालें। मटर की खेती में लाइनों के बीच की दूरी 30 सेमी और पौधों के बीच की दूरी 6 सेमी होनी चाहिए। मटर की खेती 50 से 60 दिनों में तैयार हो जाती है, जिससे खेत जल्दी खाली हो जाता है और किसान इसके बाद दूसरी फसलें बो सकते हैं।
मटर की खेती में सिंचाई, कटाई
मटर की खेती में दो बार सिंचाई की आवश्यकता होती है। पहली सिंचाई फूल आने के समय और दूसरी सिंचाई फली बनने के समय करनी चाहिए। इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हल्की सिंचाई करें और खेत में पानी न भरा हो। कीटों से बचाने के लिए कीटनाशक का छिड़काव करें। मटर की खेती में फूल आने के तीन सप्ताह बाद फली कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
मटर की खेती से कमाई
मटर की मांग हमेशा बनी रहती है। बाजार में मटर की कीमत 20-40 रुपये प्रति किलो होती है। अगर किसान इसकी खेती करते हैं तो एक बार में 3 लाख 50 हजार रुपये कमा सकते हैं। किसान मटर की खेती करना चाहते हैं तो इसकी बुवाई करके आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। मटर के बीजों को सुखाकर उनकी फलियों से दाल बनाकर बेचकर अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं।