बाजरे की ये किस्म की खेती बहुत लाभकारी होती है इसकी खेती में ज्यादा दिन और लागत नहीं लगती है तो चलिए इसकी खेती के बारे में विस्तार से जानते है।
जुलाई में बाजरे की इस किस्म की करें खेती
बाजरे की खेती के लिए उन्नत, उच्च उपज और रोग प्रतिरोधक किस्म का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण काम होता है आज हम आपको बाजरे की एक ऐसी किस्म के बारे में बता रहे है जो खेती के लिए बहुत फायदेमंद साबित होती है ये किस्म जोगिया रोगरोधी है ये किस्म मध्यम और कम वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त होती है आप इसकी खेती से बहुत जबरदस्त कमाई कर सकते है हम बात कर रहे है बाजरे की पूसा 23 की खेती की जिसे एम.एच. 169 के नाम से भी जाना जाता है ये बाजरे की एक एक लोकप्रिय किस्म है।

कैसे करें खेती
अगर आप बाजरे की पूसा 23 किस्म की खेती करना चाहते है तो आपको इसकी खेती के बारे में अच्छे से जानना होगा जिससे आपको खेती करने में कोई परेशानी नहीं होगी। बाजरे की पूसा 23 किस्म की खेती के लिए जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। इसकी बुवाई से पहले खेत की अच्छी गहरी जुताई करनी चाहिए और मिट्टी में गोबर की खाद डालनी चाहिए। बुवाई के लिए प्रति हेक्टेयर 20 किलोग्राम बीज पर्याप्त होते है इसकी खेती में पंक्ति से पंक्ति की दूरी 45 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 10-12 सेंटीमीटर रखनी चाहिए और बीजों को 2-3 सेंटीमीटर की गहराई पर बोना चाहिए। बुवाई के बाद बाजरे की पूसा 23 किस्म की फसल करीब 80-85 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।
कितनी होगी उपज
अगर आप बाजरे की पूसा 23 किस्म की खेती करते है तो आपको इसकी खेती से बहुत जबरदस्त कमाई देखने को मिलेगी एक हेक्टेयर में बाजरे की पूसा 23 किस्म की खेती करने से करीब 20-30 क्विंटल की पैदावार होती है आप इसकी खेती से लाखों रूपए की कमाई आराम से कर सकते है। बाजरे की पूसा 23 किस्म की खेती बहुत लाभकारी साबित होती है। ये किस्म माध्यम सूखा सहिष्णु है जिससे ये उन क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है जहाँ पानी की कमी होती है।