कद्दू जैसे दिखने वाले इस फल की खेती किसानों के लिए बनी कमाई का तरीका, एक बार खेती और खूब बरसेगा धन

कद्दू जैसे दिखने वाले इस फल की खेती किसानों के लिए बनी कमाई का तरीका। जुकिनी कद्दू वर्गीय फसल है, जिसे हरी सब्जी के रूप में उपयोग किया जाता है। यह तेजी से बढ़ने वाली फसल है और गर्म जलवायु में अच्छी तरह उगाई जा सकती है। जुकिनी की खेती के बारे में हम आपको विस्तार से बताते है।

जुकिनी की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी

जुकिनी की खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु उपयुक्त होती है। जुकिनी की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट या बलुई दोमट मिट्टी उत्तम होती है। इसका pH मान लगभग 6.0-7.5 के बीच होना चाहिए।

जुकिनी की उन्नत किस्में

जुकिनी की कई उन्नत किस्मे है जिसमे से ग्रीन गोल्ड, पंजाब समर ग्रीन, अरका अनमोल, अर्ली येलो प्रोलिफिक मुख्य है।

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जुकिनी की खेती कैसे करें

जुकिनी की खेती का सही समय गर्मी में फरवरी-मार्च और बारिश में जून-जुलाई में वही सर्दी में अक्टूबर-नवंबर में की जाती है। जुकिनी के बीजों को सीधे खेत में बोया जाता है। जुकिनी की कतार से कतार की दूरी लगभग 90-120 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी लगभग 45-60 सेमी जरुरी है। जुकिनी की बीज की गहराई लगभग 2-3 सेमी होनी चाहिए।

जुकिनी की गर्मी में 5-6 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें। बारिश में जलभराव से बचाव करें। ड्रिप सिंचाई सबसे उपयुक्त होती है। जुकिनी की बुवाई के 45-50 दिन बाद फल तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं। जुकिनी की 3-4 दिनों के अंतराल पर तुड़ाई करें। जुकिनी से प्रति हेक्टेयर औसतन उत्पादन लगभग 150-250 क्विंटल होता है।

जुकिनी से कमाई

जुकिनी की खेती के अच्छी कमाई का जरिया है। जुकिनी के ताजे फल सीधे मंडी में बेचे जाते हैं। प्रोसेसिंग उद्योग में भी इसकी मांग रहती है। औसत लाभ 1-2 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर तक हो सकता है।

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