रसीले इस फल की खेती से होगी झोला भर-भर के कमाई, केवल एक बार खेती और भर जायेंगे भंडार

रसीले इस फल की खेती से होगी झोला भर-भर के कमाई, केवल एक बार खेती और भर जायेंगे भंडार। अंगूर की खेती भारत में एक लाभदायक व्यवसाय है, खासकर महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, पंजाब और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में। यह फसल गर्म जलवायु में बेहतर उत्पादन देती है और अच्छी देखभाल से किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है। आइए इसकी खेती के बारे में विस्तार से बताते है।

अंगूर की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी

अंगूर की खेती के लिए गर्म और शुष्क जलवायु उपयुक्त होती है। 30-35°C तापमान सर्वोत्तम होता है। अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी, काली मिट्टी या बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है। जिसका pH मान लगभग 6.5-7.5 होना चाहिए।

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अंगूर की खेती कैसे करें

भूमि को अच्छी तरह जोतकर समतल करें। खेत में जैविक खाद डालें। जिसमे मात्रा 8-10 टन एकड़ के हिसाब से प्रयोग करें। पौधे लगाने का सही समय फरवरी से मार्च और जून से जुलाई होता है। पंक्तियों के बीच की दूरी 6-10 फीट और पौधों के बीच की दूरी 4-6 फीट रखें। गर्मियों में 5-7 दिन में एक बार और सर्दियों में 10-15 दिन में एक बार सिंचाई करें। ड्रिप सिंचाई प्रणाली सबसे उपयुक्त होती है। अंगूर की तुड़ाई 120-150 दिनों के बाद होती है। प्रति एकड़ 8-12 टन पैदावार मिलती है।

अंगूर से कमाई

अंगूर को ताजा बाजार, किशमिश और शराब बनाने के लिए बेचा जाता है। जिसकी वजह से इसकी मार्केट में खूब डिमांड रहती है। इससे आप औसत मुनाफा प्रति एकड़ 1-2 लाख रुपये तक कर सकते है।

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