इन फल्लियों की खेती भरेगी सबके खाली भंडार, किसानो के खिल उठेंगे भाग्य

इन फल्लियों की खेती भरेगी सबके खाली भंडार, किसानो के खिल उठेंगे भाग्य। बींस की खेती एक महत्वपूर्ण सब्जी उत्पादन का हिस्सा है, जिसे सब्जी के रूप में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। बींस में प्रोटीन, विटामिन और खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जिससे यह स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होती है। बींस की खेती के बारे में हम आपको विस्तार से बताते है।

बींस की खेती के लिए जलवायु और भूमि

बींस की खेती के लिए समशीतोष्ण और गर्म जलवायु उपयुक्त होती है। दोमट मिट्टी जिसमें जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो, सबसे बेहतर मानी जाती है। मिट्टी का pH मान लगभग 6.0-7.5 के बीच होना चाहिए।

यह भी पढ़े: सरसों के किसानों की चमकी किस्मत, सरसों के दाम ने पार किया हाई स्तर का लेवल, जाने आज के ताजा मंडी के भाव

बींस की खेती कैसे करें

बींस की बुवाई से पहले बीज को कार्बेन्डाजिम या थायरम @ 2-3 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज से उपचारित करें। गर्मी के मौसम में 7-10 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें। वर्षा ऋतु में आवश्यकता अनुसार पानी दें। पानी का जमाव न हो, नहीं तो जड़ सड़ने की समस्या हो सकती है। बींस की फसल 50-60 दिन में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। हरी फलियों की तुड़ाई 2-3 दिन के अंतराल पर करें। बींस का उत्पादन 80-100 क्विंटल/हेक्टेयर हो जाता है।

बींस से कमाई

बींस कम समय में तैयार होने वाली फसल है। बींस की बाजार में हमेशा मांग बनी रहती है। बींस एक अच्छी आमदनी देने वाली नकदी फसल है। बींस की खेती में 1 हेक्टेयर में लगभग 55000 हजार रूपए की लागत आती है वही इससे 2 से 5 लाख रूपए तक कमाई की जा सकती है।

यह भी पढ़े: आज के प्रमुख मंडियों में प्याज के ताजा भाव, जानिए बाजार के नए रेट की पूरी जानकारी

नमस्ते, मैं चंचल सौंधिया। मैं 2 साल से खेती-किसानी के विषय में लिख रही हूं। मैं दुनिया भर की खेती से जुड़ी हर तरह की जानकारी आप तक पहुंचाने का काम करती हूं जिससे आपको कुछ लाभ अर्जित हो सके। खेती किसानी की खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद

Leave a Comment