अगर किसान हरी भिंडी की जगह लाल भिंडी लगाएँ, तो उन्हें ज़्यादा दाम मिलेंगे और कमाई भी ज़्यादा होगी, आइए बताते हैं इसका नाम और खासियत-
हरी भिंडी की जगह लाल भिंडी की खेती
हरी भिंडी की खेती बहुत से लोग करते हैं, गर्मी और बरसात के मौसम में हरी भिंडी की खेती से अच्छा उत्पादन मिलता है, लेकिन आपको बता दें कि इस समय लाल भिंडी भी काफ़ी मशहूर हो रही है, लाल भिंडी की कीमत हरी भिंडी से ज़्यादा होती है। क्योंकि इसमें कुछ ऐसे पोषक तत्व ज़्यादा मात्रा में पाए जाते हैं जो सेहत के लिए ज़्यादा फ़ायदेमंद होते हैं।
लाल भिंडी में एंथोसायनिन और आयोडीन बहुत ज़्यादा मात्रा में पाया जाता है। यह एक नई फसल है, इसलिए किसान इस किस्म के बारे में जानकारी पाने के लिए काफ़ी उत्सुक हैं, तो आइए बताते हैं कि ग्राहकों को आकर्षित करने वाली इस लाल भिंडी की कौन सी किस्म है।
लाल भिंडी की किस्म का नाम
आज हम यहाँ जिस लाल भिंडी की बात कर रहे हैं, वह पंजाब लालिमा है। पंजाब लालिमा, जिसका विकसित करने का श्रेय पंजाब कृषि विश्वविद्यालय को जाता है। यह अपने गहरे लाल, पतले और लंबे तथा पाँच धारियों वाले फलों के लिए जानी जाती है। किसान एक एकड़ में इससे 50 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। इसमें रोगों को सहन करने की क्षमता होती है। यह रोग प्रतिरोधी किस्म है। आइए इसकी खेती की विधि जानें।
लाल भिंडी की खेती कैसे करें
किसान भाइयों, अगर सामान्य भिंडी की खेती करते हैं, तो उसी तरह लाल भिंडी की इस पंजाब लालिमा किस्म की खेती भी कर सकते हैं। समय की बात करें तो इस भिंडी की खेती जुलाई में कर सकते हैं। सबसे पहले, जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा कर लें, सड़ी हुई गोबर की खाद डालें और मिट्टी को उपजाऊ बनाकर इसकी खेती करें। दो पंक्तियों के बीच की दूरी 45 से 60 सेमी और दो पौधों के बीच की दूरी 20 से 30 सेमी रखें। बीजों की गहराई 2 से 3 सेमी रखें। जिससे पौधों का विकास अच्छे से हो।